|
सरकारी
सेवाओं में भ्रष्टाचार रोकने के सीएम के
निर्देश
लखनऊ, 20 सितम्बर। (उप्रससे)। मुख्यमंत्री
सुश्री मायावती ने शासकीय सेवाओं में
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हेतु प्रभावी
रणनीति बनाकर तत्काल कार्यवाही किये जाने
के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डलीय सचिव शशांक
शेखर सिंह को विस्तृत निर्देश देते हुए
उन्हें आदेशित किया कि इन निर्देशों से
प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों तथा
मण्डलायुक्तों को आज यहां आयोजित होने वाली
राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में विस्तार से
अवगत कराया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा
कि उनके इन निर्देशों का समस्त सम्बन्धित
अधिकारी कडाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए निर्देशों से
बैठक में मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों
को अवगत कराते हुए मंत्रिमण्डलीय सचिव ने
कहा कि मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 जनहित
गारण्टी अधिनियम के प्रभावी यिान्वयन पर
विशेष बल देते हुए इसके अन्तर्गत चिन्हित
सेवाओं की निर्धारित समय में आम जनता को
उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आम
जनता के सशक्तिकरण के लिए उत्तर प्रदेश
जनहित गारन्टी कानून को लागू किया है। इस
कानून के लागू हो जाने से जनता को चिन्हित
सेवाओं को निर्धारित समय में प्राप्त करने
की कानूनी गारन्टी मिल गयी है। उन्होंने
कहा कि राज्य सरकार ने जनहित की ऐसी सेवाओं
को जनहित गारन्टी कानून में सबसे पहले
चिन्हित किया है कि जिनकी सबसे ज्यादा
जरूरत समाज के कमजोर और गरीब वर्गों को आए
दिन होती रहती है।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि
उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी कानून के तहत
आम जनता को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के
लिए मौजूदा समय में 13 सेवाओं को अधिसूचित
किया गया है। उन्होंने अधिसूचित की गयी
सेवाओं की संख्या में बढोत्तरी करते हुए
खासतौर पर परिवहन से जुड़ी सेवाओं को भी इस
अधिनियम के दायरे में शामिल करने के
निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों
एवं मण्डलायुक्तों से इस अधिनियम के
प्राविधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार किए
जाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि आम जनता
इसका लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि
निर्धारित समय में सेवा न उपलब्ध कराने
वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए
उदासीनता बरतने पर अर्थदण्ड लगाने का
प्राविधान भी किया गया है। अर्थदण्ड की
धनराशि निर्धारित प्रयिा के माध्यम से दोषी
अधिकारी से वसूल कर इसका भुगतान आवेदक को
करने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने
जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि
अधिनियम के यिान्वयन में ढिलाई बरतने वाले
अधिकारियों को दण्डित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने फील्ड में तैनात समस्त
अधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में
प्रतिदिन प्रात: 10 बजे से 12 बजे तक की
अवधि के दौरान अपने कार्यालय में उपस्थित
रहकर जन समस्याओं की सुनवाई सुनिश्चित करते
हुए इसका गुणवत्तापरक एवं समयबध्द
निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि
शिकायतकर्ता का नाम, पता, मोबाइल नम्बर तथा
शिकायतसमस्या के संक्षिप्त विवरण को
रजिस्टर में अंकित करने तथा समस्या के
समाधान के पश्चात शिकायतकर्ता को सूचित
करने की भी व्यवस्था अनिवार्य रूप से
सुनिश्चित की जाए। उन्हाेंने वरिष्ठ
अधिकारियों को शिकायतसमस्या के निस्तारण
की गुणवत्ता की रैण्डम जांच मोबाइल नम्बर
से करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने
यह भी कहा कि शासन स्तरनिदेशालय से फील्ड
में जाने वाले अधिकारी भी इसकी रैण्डम
चैकिंग सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने समस्त जिलाधिकारियों को हर
सप्ताह मवार जिले की किसी एक तहसील के एक
गांव का निरीक्षण करने तथा उप जिलाधिकारियों
को प्रत्येक महीने 05 गांवों के भ्रमण के
निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा है
कि उप जिलाधिकारी भ्रमण के दौरान गांवों
में खुली बैठक आयोजित करके जन-समस्याओं की
सुनवाई तथा मौके पर ही उनका गुणवत्तापरक
निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा
राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी कार्यमों
के बारे में भी अवगत करायेंगे। उप
जिलाधिकारी कार्यवाही की पूरी प्रयिा की
वीडियो रिकार्डिंग करायेंगे और इस प्रकार
भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जोरदार मुहिम की
शुरूआत होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि समस्त
विभागों में लम्बित सतर्कता अभियोजन
सम्बन्धी मामलों में निर्णय की समय सीमा
निर्धारित की जाए और विभागीय कार्यवाहियों
में समयबध्द निर्णय लिया जाए। इसके साथ ही
शासकीय कार्यों में लापरवाही बरतने एवं
रूचि न लेने वाले कर्मियों को अनिवार्य
सेवानिवृत्ति हेतु समयबध्द स्ीनिंग करायी
जाए। इसके अलावा भ्रष्टाचार की गतिविधियों
में लिप्त वरिष्ठ अधिकारियों को रंगे हाथों
ट्रैप कराने के लिए अभिसूचना एकत्रित की
जाए। उन्होंने इसके लिए जिलाधिकारियों को
प्राधिकृत किया है। मुख्यमंत्री ने यह भी
कहा है कि उनकी सरकार हर स्तर पर
भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए प्रतिबध्द है।
इसमें भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी
अधिकारीकर्मचारी को बख्शा नहीं जायेगा और
उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। |