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कानपुर,
25 सितम्बर। (उप्रससे)।
देश के नामचीन तकनीक संस्थानों में
शुमार इंडियन इंस्टीटयूट आफ टेक्नालाजी
कानपुर (आईआईटीके) में अब इंटरनेट पर
कंट्रोल किया जाएगा। ऐसा संस्थान में
छात्रों के बीच इंटरनेट के अत्यधिक प्रयोग
के चलते हो रहीं आतमहत्याओं के मद्देनजर
किया जा रहा है। इस पर गंभीरता विचार करके
प्रशासन शीघ्र फैसला लेने जा रहा है।
ॅॅ ज्ञातव्य है कि गत 23 सितम्बर को
संस्थान के हास्टल में बी.टेक प्रथम वर्ष
के छात्र महताब ने फांसी लगाकर आत्महत्या
कर ली थी। छात्र की आत्महत्या के कारणों
की जांच और मौजूद साक्ष्यों से पता चला कि
वह इंटरनेट और विशेष रूप से फेसबुक का
बहुत यादा इस्तेमाल कर रहा था। छात्र रात
में देर तक नेट पर रहता था। इस बजह से वह
अपने विषयों की ठीक से तैयारी नहीं कर पा
रहा था। परिणामस्वरूप वह कई विषयों में
कमजोर हो गया था और उसे भय सताने लगा था।
इस कारण वह अवसाद में चला गया। अंतत: उसने
खुद को ही खत्म करने का फैसला कर लिया। यह
होनहार छात्र था किन्तु इंटरनेट के अधिक
प्रयोग ने उसकी जिंदगी ही लील ली। इस
संस्थान में इसके पहले भी कई छात्र
आत्महत्याएं कर चुके हैं। पिछले छह साल
में यहां करीब आधा दर्जन छात्रों ने
आत्महत्याएं की हैं।
आईआईटी का समूचा परिसर वाई फाई युक्त है।
इस कारण छात्र छात्राएं पढाई के साथ-साथ
अपने हास्टल में भी नेट का धडल्ले से
इस्तेमाल करते हैं। संस्थान प्रशासन का
मानना है कि हास्टल में रात 12 बजे से
सुबह 6 बजे के बीच इंटरनेट के उपयोग पर
रोक लगा दी जाए। इसके साथ ही प्रशासन
अभिभावकों को भी सलाह जारी करने जा रहा है
कि वे छात्र-छात्राओं को पहले साल में
लैपटाप न दें। इंटरनेट का उपयोग सीमित किये
जाने पर विचार की पुष्टि संस्थान के
रजिस्ट्रार संजीव काशलकर ने की है। |