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बच्चों की प्रारम्भिक
शिक्षा अतिमहत्वपूर्ण: आनंदीबेन पटेल |
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राज्यपाल ने किया आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों
के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन
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देश
में रोल मॉडल बनकर उभरे आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियां: स्वाती सिंह
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बच्चों
के सर्वांगीण विकास के लिए जिज्ञासाओं
का समाधान जरूरी: शिवकुमार
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Tags: #U.P Samachar Sewa ,
Anandiben Patel, Governor Uttar Pradesh,
Vidhya Bharati |
Publised
on : 2021:08:06
Time 18:10 |
लखनऊ,
06 अगस्त, 2021 ( उ.प्र.समाचार सेवा ) ।
राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि
नन्हें-मुन्नों को संस्कारित शिक्षा दी
जानी चाहिए। बच्चे को सात वर्ष तक जो
सिखाया व पढाया जाता है , उसका अस्सी
प्रतिशत उनकी आदत में ढल जाता है। श्रीमती
पटेल शुक्रवार को यहां एपीजे अब्दुल कलाम
तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित
तीन दिवसीय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के
आनलाइन प्रशिक्षण शिविर का उद्धाटन कर रही
थीं। शिविर का आयोजन प्रदेश के बाल विकास
सेवा एवं पुष्टाहार विभाग और शैक्षिक
संस्थान विद्या भारती के सहयोग से आयोजित
किया गया है।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ और संस्कारवान
बच्चों के निर्माण के लिए कुछ नए प्रयोग
करने होंगे । आज के इस तकनीकी युग में यह
आवश्यक हो गया है कि विश्वविद्यालय ऐसे
पाठ्यक्रमों का सृजन करें, जिसके माध्यम
से भविष्य में माता-पिता बनने वाले आज के
छात्र-छात्राओं को गर्भ संस्कार की शिक्षा
दी जा सके। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति
में बहुत बल है। इसमें तीन वर्ष, चार से
पांच व 5 से 6 वर्ष के आयुवर्ग की शिक्षा
आंगनबाड़ी केंद्र का भाग है ।
राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां
हमारे देश के भविष्य का निर्माण करने का
काम कर रही हैं, उनका सम्मान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां
बच्चों को उठने-बैठने, हाथ-पैर ऊपर-नीचे
करने आदि का सलीका सिखाएं। खेल, खिलौना,
प्रदर्शनी कीट आदि के माध्यम से भाषा,
गणित, विज्ञान, रंगों, अंकों का ज्ञान
कराएं। पर्यावरण, संयुक्त परिवार,
राष्ट्रप्रेम, अच्छी सीख विषयक बाल कहानियां
रोचक ढंग से सुनाएं। बच्चों के सुनने,
पूछने व बोलने की सहभागिता कराएं, ताकि
उनका सर्वांगीण विकास हो सके। आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियां महिला ग्राम प्रधान के साथ
मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि मां जब
बीमार होगी तक बीमार बच्चे को ही जन्म देगी,
ऐसे में हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत
है। उन्होंने कहा कि आज 50 फीसदी महिलाओं
में हीमोग्लोबिन की कमी है, जो चिंता का
विषय है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री (स्वतंत्र
प्रभार) स्वाती सिंह ने कहा कि राज्यपाल
श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा और उनके
मार्गदर्शन में प्रशिक्षण कार्यक्रम
आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि
प्रदेश में 1,88,982 आंगनबाड़ी केंद्र हैं,
जहां 41 लाख से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण
कर रहे हैं। ये बच्चे प्रारंभिक शिक्षा
लेकर अपनी नींव मजबूत करके आगे आएंगे और
देश का भविष्य उज्ज्वल करेंगे । विद्या
भारती के अखिल भारतीय मंत्री शिवकुमार ने
सनातन परम्परा का जिक्र किया। उन्होंने कहा
कि हमारे समाज में प्राचीन काल से ही सोलह
संस्कारों का वर्णन है, जो वैज्ञानिक रूप
में जीवन की रचना के विकास के आयाम हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा विद्या
भारती की अखिल भारतीय बालिका शिक्षा
संयोजिका सुश्री रेखा चूड़ासमा ने रखी ।
कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का परिचय
विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के
क्षेत्रीय शिशु वाटिका प्रमुख विजय कुमार
उपाध्याय ने और धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय
सह प्रमुख शिशु वाटिका श्रीमती मीरा
श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का संचालन
अवध प्रांत की प्रांत प्रमुख संयोजिका
श्रीमती हीरा सिंह ने किया। इस अवसर पर
शिक्षक मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम में विद्या भारती अखिल भारतीय
सह संगठन मंत्री यतीन्द्र कुमार,
क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचन्द्र,
क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा, सह
प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, बालिका शिक्षा
प्रमुख उमाशंकर मिश्रा सहित विद्या भारती
के कई पदाधिकारी और बाल विकास एवं
पुष्टाहार विभाग व जिला प्रशासन के
अधिकारी,कर्मचारी और 300 आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियां मौजूद रहीं। |
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