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एडीए बोर्ड के सदस्य बोले सभी अधिकारी भ्रष्ट |
Tags: U.P Samachar Sewa |
Publised on : 2020:12:17 Time 20:19 Last
Update on : 2020:12:17 Time 20:19 |
आगरा , 17 दिसंबर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा) । उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नामित आगरा विकास प्राधिकरण के सदस्य शिवशंकर शर्मा व नगेंद्र प्रसाद गामा दुबे ने आज
जनसुवाई के लिए प्राधिकरण से पीड़ित आगरा की जनता को आमंत्रित किया था। जनसुनवाई शिविर में सुबह 10:30 बजे सदस्य तो उपस्थित हुए, जनता भी अपनी समस्या लेकर डॉ. आंबेडकर सभागार भवन में आयी, लेकिन आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह कुशवाह, सचिव राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी व अन्य
अधिकारी गायब रहे। इसके बाद एडीए सदस्य गुस्से भन्ना गए। एडीए अधिकारियों को भ्रष्ट बताया। यहां तक कह दिया कि पीसीएस अधिकारी भ्रष्ट होते हैं। उन्होंने आईएएस अधिकारी तैनात करने की मांग की है।
सभागार के बाहर कोविड के नियमों का पालन करते हुए सैनेटाइजर, मास्क देते हुए सभी के रजिस्ट्रेशन किये। अधिकारियों के न आने से समस्याग्रस्त जनता में आक्रोश फैल गया और जनता ने परिसर में अधिकारियों के विरुद्ध नारेबाजी की। एडीए सदस्य शिवशंकर शर्मा व नगेंद्र प्रसाद गामा दुबे ने जनता की
समस्याओं को सुना। अधिकारियों से निराकरण कराने का आश्वासन दिया। सैकड़ों लोगों ने अपनी समस्याओं के प्रार्थना पत्र को दिए।
शिवशंकर शर्मा का कहना है कि पूर्व में घोषित जनसुनवाई की सूचना अधिकारियों को थी, वे प्राधिकरण में नहीं आए। इस बात से ही पता चलता है कि आगरा की जनता की समस्याओं के प्रति वो कितने गंभीर हैं और यह अच्छी बात नहीं है। इससे योगी सरकार की साख में ऐसे निकम्मे, भ्रष्ट अधिकारी बट्टा लगाने का
काम कर रहे हैं। इसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। अधिकारियों को जनता की समस्याओं को हल करना ही होगा।
उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों की मनमानी से पीड़ित जनों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में एडीए के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में विभाग में अनिमियता बढ़ चुकी है। वह आगरा की जनता का विश्वास भी ये लोग खो चुके हैं। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों की कड़ी आलोचना करते हुए
भ्रष्टाचार मुक्त आगरा के निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारियों के तार तो विपक्षी दलों के भ्रष्ट नेताओं से जुड़े हुए होने की प्रबल संभावना है। इसकी समुचित जांच के साथ खुलासा होना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से कुर्सी पर जमे हुए भ्रष्ट अधिकारियों की मानसिकता
में अभी भी कोई परिवर्तन नहीं आया है। साजिश के तहत कुछ अधिकारी और कर्मचारी योगी सरकार की छवि को धूमिल करने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं।
एडीए सदस्य नगेन्द्र प्रसाद गामा दुबे ने कहा कि जो अधिकारी काम से जी चुराते हैं उन्हें अपनी कुर्सी पर रहने का कोई हक नहीं है। सरकार ने अधिकारियों को जनता की समस्याओं के समाधान के लिए रखा है। इसी बात का वो वेतन पाते हैं। ऐसे निकम्मे अधिकारियों का स्थानांतरण अविलम्ब होना चाहिए और उनके
स्थान पर आईएएस कैडर के अधिकारी की नियुक्ति प्राधिकरण में होनी चाहिए।
ये रहे उपस्थित
अंदर की बात यह भी है कि एडीए अधिकारी दोनों सदस्यों को कोई भाव नहीं द रहे हैं। उनकी बात नहीं सुनते हैं। इस चक्कर में 23 नवम्बर, 2020 को एडीए उपाध्यक्ष कार्यालय में धरना दिया जा चुका है। इस कारण भी आज का कार्यक्रम था। एडीए बोर्ड के तीसरे सदसक्य विजयदत्त पालीवाल को इससे कोई लेना-देना नहीं
है। |
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