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विपक्ष ने किसानों को गुमराह कियाः कृष्णपाल गुर्जर
Tags: U.P Samachar Sewa
Publised on : 2020:12:18      Time 21:09   Last  Update on  : 2020:12:18      Time 21:09

आगरा , 18 दिसंबर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा) । आगरा। नए कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में अभी तक कोई हल नहीं निकला है। इसे देखते हुए भाजपा ने नए कृषि कानून के फायदे किसानों को बताने के लिए किसान सम्मेलन की शुरुआत की है। आगरा में भी किसान सम्मेलन गोगाजी गार्डन पथौली पर हुआ। मुख्य वक्ता के रूपमें केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल सिंह गुर्जर ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून को लेकर विपक्षी दलों ने जिस तरह से चंद किसानों को गुमराह किया है,वो शर्मनाक है। जब ये सरकार में थे तो किसानों की कोई परवाह नहीं की। जब मोदी उनकी भलाई के कदम उठाए हैं तो किसानों की बरगला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आई है, किसानों को बहुत फायदा हुआ है। पहले यूरिया खाद की कालाबाजारी होती थी। मोदी सरकार ने यूरिया पर कोटिंग करके कालाबाजारी पर रोक लगाई। किसान के हित के लिए हमेशा ही मोदी सोचते हैं। किसान को छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी से उधार न लेना पड़े इसके लिए मोदी सरकार ने किसानों को ₹6000 किसान सम्मान निधि दी।
उन्होंने कहा कि किसानों की फसल का मूल्य किसान के हिसाब से मिले, इसके लिए लंबे समय से किसानों की मांग चली आ रही थी। सन 2000 में बनी शंकर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि किसान अपनी फसल का मूल्य खुद निर्धारित करें। कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में इसका समर्थन किया था। 20 साल से चली आ रही इस मांग को आज जब मोदी सरकार ने पूरा किया है तो यही कांग्रेस की सरकार अपने वादे से यूटर्न लेकर चंद किसानों को बरगलाने का काम कर रही है।
श्री गुर्जर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितेषी है। मोदी सरकार में किसानों को फायदा हुआ है। मोदी सरकार ने किसानों के हित के पुराने रास्ते बन्द न करते हुए किसानों की तरक्की के नए रास्ते खोले हैं। किसान अपनी फसल को अब कहीं भी बेच सकता है। अपनी फसल का किसी से भी पूर्व में सौदा कर सकता है और जब चाहे व्यापारी से अपना एग्रीमेंट समाप्त कर सकता है। नये कानून में व्यापारी को यह हक नहीं होगा कि वह किसान का पूरा भुगतान किए बगैर अनुबंध समाप्त कर दे।
उन्होंने पूछा कि इस नए कानून में खराब क्या है, फसल पैदा होने से पहले ही फसल का दाम आ जाएगा तो किसान को लाभ होगा। विपक्षी पार्टी नहीं चाहती इस देश का किसान खुशहाल रहे। जिस दिन देश का किसान खुशहाल हो जाएगा, कोई कांग्रेस का नाम तक नहीं लेगा। कांग्रेस द्वारा प्रायोजित यह कैसा किसान आंदोलन है जिसमें खालिद, भिंडरावाले के पोस्टर लगाए जा रहे हैं। दंगा-फसाद करने वालों की रिहाई की बात की जा रही है। मोदी तेरा इंदिरा जैसा हाल होगा, जैसे नारे लगाए जा रहे हैं। यह किसान आंदोलन देश विरोधी लोगों के हाथों में चला गया है। उन्होंने कहा कांग्रेस के राज में गेहूं धान की खरीद ही एमएसपी पर होती थी, लेकिन आज मोदी राज में बाजरा, ज्वार, मक्का, दलहन आदि की भी खरीद एमएसपी पर होती है।
उन्होंने कहा 2009 से 2014 तक की यूपीए सरकार ने एमएसपी पर जो खरीद की है वह मोदी सरकार में दोगुनी हो गई है। मोदी सरकार ने गरीब किसान के लिए अपना खजाना खोला है। यूपीए की सरकार में गेहूं की एमएसपी 1310 रु थी जो मोदी सरकार में 1868 रु हुई। धान की एमएसपी 1380 रुपए थी जो मोदी सरकार में 1975 रुपए हो गई। यूपीए की सरकार ने 2009 से 14 तक केवल 1.5 लाख करोड़ रुपए की गेहूं खरीद की जो मोदी सरकार में बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपए की की गई। धान की खरीद 2009 से 14 तक यूपीए की सरकार में 2 लाख करोड़ रुपए की हुई, वहीं 2014 से 19 मोदी सरकार में 5 लाख करोड़ रुपए की हुई। यानी हर हाल में किसानों को मोदी सरकार में फायदा हुआ है। विपक्षियों द्वारा झूठे आंसू बहाने से या सड़कें रोकने से विपक्षी पार्टियां किसान हितेषी नहीं हो सकती।
2009 से 2014 तक यूपीए की सरकार में 645 करोड़ रुपये की दाल खरीद की गई जो 2014 से 2019 तक मोदी सरकार में 50000 करोड़ रुपए की दालों की खरीद की गई। 2009 से 2014 यूपीए की सरकार में 3 .74 लाख करोड़ रुपए का एमएसपी का भुगतान किया गया जो मोदी सरकार 8 लाख करोड़ रु का भुगतान किसानों को किया गया। यूपीए की सरकार में 1.5 लाख मैट्रिक टन दालों की खरीद की गई वही मोदी सरकार में 1.12 लाख मीट्रिक टन तक खरीदी गई। उन्होंने कहा यदि मोदी सरकार किसानों का भला नहीं कर सकती तो फिर कोई भी सरकार किसानों का भला नहीं कर पायेगी।
उन्होंने कहा वास्तविक किसानों के लिए मोदी सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं लेकिन यह किसान आंदोलन देश विरोधी लोगों के हाथों में चला गया है। किसानों की समस्या का हल हो, इससे उनको कोई लेना देना नहीं। वह अपनी राजनीतिक रोटियां इस आंदोलन के माध्यम से सेंकना चाहते हैं। विपक्षी पार्टियां किसानों की आड़ में देश को हिंसा और अराजकता में झोंकना चाहती हैं।
किसान सम्मेलन में आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, एत्मादपुर के विधायक राम प्रताप सिंह चौहान, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष चौधरी रामवीर सिंह आदि ने संबोधित किया। किसान सम्मेलन के संयोजक जिला अध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाहा ने सम्मेलन की अध्यक्षता की। संचालन ब्रज क्षेत्र के महामंत्री नागेंद्र सिकरवार ने किया।

 
 
   
 
 
 
                               
 
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