भोपाल।
(उ.प्र.समाचार सेवा)
। चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट शहला मसूद की हत्या
भाजपा नेता और पर्यटन विभाग के चेयरमैन ध्रुवनारायण सिंह
की दीवानगी में उनकी महिला मित्र जाहिदा परवेज ने कराई
थी। जाहिदा ने शहला की हत्या के लिए भाड़े के हत्यारों
का प्रयोग किया था। इस मामले में छह साल पुराने इस मामले
में आज सीबीआई की अदालत ने मुख्य अभियुक्त जाहिदा परवेज
उसकी मित्र और दो अन्य अभियुक्तों को आजीवन कारावास की
सजा सुना दी है।
इन्दौर की सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश बीके पलोदा
ने मुख्य अभियुक्त जाहिदा परवेज, उसकी मित्र सबा फारुकी,
हत्याभियुक्त शाकिब डैंजर और ताबिश अली को आजीवन कारावास
की सजा सुना दी। शहला मसूद की हत्या 16 अगस्त 2011 को
उसके घर के पास उस समय कर दी गई थी जब वह अन्ना हजारे के
भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन में एक रैली में भाग लेने जा
रही थी। शहला को कार में निकट से गोली मारी गई थी। उसकी
घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी। जांच में कई प्रमुख
हस्तियों से पूछताछ हुई थी। सीबीआई की जांच में उजागर
हुआ कि हत्याकाण्ड त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग का है। जाहिदा
परवेज और मंत्री ध्रुवनारायण सिंह के बीच अन्तरंगता थी।
जाहिदा ध्रुवनारायण को बेहद चाहती थी। किन्तु उसे जब यह
पता चला कि ध्रवनारायण सिंह से शहला मसूद की भी निकटता
है तो वह ढाह मे जल उठी और उसने शहला को रास्ते से हटाने
की ठान ली। इसके लिए उसने भाड़े के हत्यारों का इंतजाम
किया। कानपुर से पेशेवर हत्यारे बुलाए गए और शहला को
रास्ते से हटा दिया गया। इस मामले में जांच के दौरान
सीबीआई को जाहिदा के निजी कार्यालय से मिली डायरी से
हत्या की कड़ी जुड़ती चली गई। सीबीआई जांच में पता चला
कि जाहिदा ने हत्याकाण्ड में अपनी मित्र शबा का भी उपयोग
किया। इसलिए पुलिस ने उसे भी गिरप्तार किया था।
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