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शोक सभा आयोजित कर पत्रकारों ने दी कृष्णमोहन मिश्र को श्रद्धांजलि |
विश्व संवाद केन्द्र में आयोजित हुई शोक सभा, राजधानी के पत्रकार हुए शामिल |
Tags: U.P Samachar Sewa Krishna Mohan Mishra |
Publised on : 2021:01:16 Time 22:10 |
लखनऊ
, 16 जनवरी 2021 (उ.प्र.समाचार सेवा)। राजधानी के वरिष्ठ पत्रकार और उत्तर प्रदेश समाचार सेवा के संपादक कृष्ण मोहन मिश्र को पत्रकारों ने शोक सभा आयोजित कर श्रद्धाजंलि
अर्पित की।
ज्ञातव्य है कि श्री मिश्र का विगत 31 दिसंबर को निधन हो गया था। कृष्ण मोहन मिश्र का जन्म 7 दिसंबर 1949 को वाराणसी में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी में ग्रहण करने के बाद उन्होंने मिर्जापुर के पालिटेक्निक से डिप्लोमा लिया और इसके बाद सरकारी सेवा में लखनऊ आ गए। यहां राजकीय आईटीआई में
वे शिक्षक हो गए। श्री मिश्र की रुचि पत्रकारिता में थी इसलिए उन्होंने दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान के साथ जुड़कर काफी समय तक सांस्कृतिक रिपोर्टिंग की। वे सांस्कृतिक पत्रकारिता के वे मर्मज्ञ थे।
विश्व संवाद केन्द्र स्थित विवेकानन्द सभागार में आयोजित शोक सभा में राजधानी के अनेक पत्रकार शामिल हुए। पत्रकारों ने श्री मिश्र के पत्रकारिता और विशेष रूप से सांस्कृतिक पत्रकारिता में किये गए योगदान को याद किया। श्री मिश्र को याद करते हुए विश्व संवाद केन्द्र के सचिव अशोक सिन्हा ने कहा
कि मिश्र जी से उनका परिचय कालेज के समय से था। उनकी वाराणसी में पढ़ाई के दौरान उनसे कई बार भेंट हुई थी। वे अपने ध्येय के प्रति हमेशा समर्पित रहे। वाराणसी में भी वे संगीतज्ञ और साहित्यकारों के संपर्क में रहते थे। उनका लेखन अत्यधिक सुंदर था।
वरिष्ठ पत्रकार डा. एसके पाण्डे ने मिश्र जी को याद करते हुए कहा कि उनका व्यवहार अत्यन्त सौम्य और मधुर था। वे कार्य के प्रति समर्पित थे। पत्रकार सर्वेश कुमार सिंह ने कहा कि मिश्र जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे कला, संस्कृति, साहित्य और पत्रकारिता सभी क्षेत्रों के ज्ञाता थे। उन्होंने
संस्कार भारती, उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन की पत्रिकाओं का संपादन किया। गत लगभग 15 वर्ष से श्री मिश्र उत्तर प्रदेश समाचार सेवा के संपादक थे। उनके निधन से पत्रकारिता और समाचार सेवा की अपूर्णीय क्षति हुई है।
शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री, जेपी शुक्ल, अशोक मिश्रा, सुशील सहाय ने भी कृष्ण मोहन मिश्र से जुड़े संस्मरण याद किये और उनके योगदान की चर्चा की। अंत में दो मिनट मौन रखकर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।
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