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मिश्रित-सीतापुर, एक जुलाई 2020। (उप्रससे)।
कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के चलते बाहर से कार्य करके लौटने के बाद प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन किए गए 10 प्रवासी मजदूरों को क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा आपदा राहत किट उपलब्ध न कराए जाने का ग्राम प्रधान ने गंभीर आरोप लगाया है। जिस पर तहसील के उपजिलाधिकारी ने तहसीलदार सहित एक आर ,आई को
जांच सौंप कर आख्या तलब की है। वही आपदा राहत किट में हेरफेर करने वाले लेखपाल के लिए मामला जी का जंजाल बन गया है।
ज्ञातव्य हो किस शासन के निर्देशानुसार प्रवासी मजदूरों को वितरित की जाने वाली आपदा राहत खाद्यान्न किटो में क्षेत्रीय लेखपाल संतोष कुमार मौर्य द्वारा हेरफेर किए जाने का सनसनीखेज मामला ग्राम पंचायत कोल्हुवा में उजागर हुआ है। ग्राम प्रधान संतराम द्वारा आज तहसील के उपजिलाधिकारी राजीव पांडे से
की गई लिखित शिकायत के अनुसार बाहर से मजदूरी करके वापस लौटे दस प्रवासी मजदूर क्रमशःबाल गोविंद पुत्र राम दत्त ,राहुल पुत्र सुरेश, हरिनाम पुत्र लायक राम ,जितेंद्र पुत्र होरीलाल ,संदीप पुत्र कृष्ण कुमार, दिवाकर पुत्र चंद्रभाल, गोपाल पुत्र राधे ,ईशा सिंह पुत्र मुलायम सिंह, संदीप पुत्र बाबू ,तथा
जमील पुत्र सद्दीक बेग को ग्राम पिपरोसा स्थित प्राथमिक विद्यालय में विगत 29 मार्च से 21 अप्रैल 020तक क्वारंटाइन रखा गया था ,जिनको घर जाते वक्त क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा शासन के निर्देशानुसार दी जाने वाली खाद्यान्न सहित अन्य सामग्री तेल ,मसाला, सब्जी, चना आदि की 32 किलो वजनी पैक किट समाचार के
लिखे जाने तक हीला हवाली के चलते उपलब्ध न कराये जाने की शिकायत लिखित रूप से ग्राम प्रधान संतराम द्वारा तहसील के उपजिलाधिकारी से 30 जून को की गई है। जिसको गंभीरता से लेकर पीठासीन अधिकारी ने तहसीलदार सहित आर ,आई ,वजीर नगर को मामले की जांच कर आख्या तलब की है । दूसरी तरफ लेखपालों के परगना
प्रमुख गोपाल जी शुक्ला मामले में पूछने पर अटाय सटाय बात करते हुए बौखला गए साथ हीअपने भाई के भी जनपद की ही तहसील महोली से पत्रकार होने की दुहाई देने लगे। इसी तरह राशन किट वितरण में हेरफेर करने वाले लेखपाल संतोष कुमार मौर्य से जानकारी के लिए जब उनके मोबाइल नंबर 9838692182 पर संपर्क किया गया
तो उन्होंने प्रकरण में कोई सटीक बात बताने के बजाय कहा कि मैं दूसरे कार्य में व्यस्त हूं गांव के प्रधान से पूछ लीजिये। मामला स्वयं में स्पष्ट करता है कि संबंधित लेखपाल द्वारा प्रवासी मजदूरों को राशन किट वितरण में जमकर हेरफेर को अंजाम दिया गया है।प्रकरण में पूछने पर उप जिलाधिकारी राजीव
पांडेय ने कहा कि मैंने जांच तहसीलदार को सौंप दी है दोषी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लाऊगा। अब देखना यह है कि प्रवासी मजदूरों को राशन किट वितरण में हेरफेर करने वाले संबंधित लेखपाल व उसके अवैधानिक कृत्य को संरक्षण देने वाले राजस्व निरीक्षक के विरुद्ध तहसील प्रशासन कोई कार्यवाही अमल में
लाता है या फिर इनकी निरंकुश यूनियन बाजी के आगे भीगी बिल्ली की तरह मामले को ठंडे बस्ते में ही दफन कर देता है। कहना गलत न होगा कि इस सनसनीखेज मामले में प्रदेश शासन को भी गंभीरता से पहल करने की है ,ताकि प्रवासी मजदूरों के साथ धोखा धोखाधड़ी करने वालों के चेहरे बेनकाब हो कर सामने आ सके।
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