सीतापुर , 24 जुलाई, 2020 (उप्रससे)।
प्रमुख सचिव (कृषि) उ0प्र0 शासन के अनुपालन में जिलाधिकारी, महोदय सीतापुर के निर्देशानुसार जनपद में विभिन्न तहसीलों हेतु सम्बन्धित मजिस्ट्रेट के साथ 06 टीमों का गठन करते हुए रसायनिक उर्वरकों के निजीध्सहकारी प्रतिष्ठानों पर अभिलेखों का मिलान स्टाक के अनुसार तथा गुणवत्ता परीक्षण हेतु
उर्वरक नमूने एवं आकस्मिक छापे डालने के निर्देश दिये। अरविन्द मोहन मिश्र, उप कृषि निदेशक उर्वरक निरीक्षक तहसील बिसवाॅ अखिलानन्द पाण्डेय, जिला कृषि अधिकारी उर्वरक निरीक्षक तहसील सदर लहरपुर श्यामनरायन राम, जिला कृषि रक्षा अधिकारीध्उर्वरक निरीक्षक तहसील महमूदाबाद राजितराम, भूमि संरक्षण
अधिकारी, सीतापुरध्उर्वरक निरीक्षक तहसील सिधौली 5-श्री रामकुमार यादव, भूमि संरक्षण अधिकारी महोली-सीतापुरध्उर्वरक निरीक्षक तहसील महोली 6-श्री अख्तर हुसैन, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदरध्उर्वरक निरीक्षक तहसील मिश्रिख द्वारा जनपद के आवंटित तहसीलांे में नामित उर्वरक निरीक्षकों के
द्वारा उर्वरक की दुकानों पर छापे डालने की कार्यवाही की गयी। कार्यवाही में कुल 65 दुकानोंध्प्रतिष्ठानों, कम्पनी के बफर गोदाम आदि पर छापे डाले गये जिसमें से 25 संदिग्ध उर्वरको के नमूने ग्रहीत किये गये, तथा 09 दुकानों को निलम्बित किया गया।जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने निर्देशित किया कि
किसी भी स्थिति में कम्पनी द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर विक्रय न किया जाये, किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्ध कराया जाय। किसी भी स्तर पर मिलावट नकली अपमिश्रण युक्त रसायनिक खाद किसी भी विक्रेता के द्वारा विक्रय किया जा रहा है तथा पी0ओ0एस0 मशीन का संचालन नहीं किया जा रहा है
एवं विक्रेता द्वारा जिंक सल्फेट, माइक्रोन्यूट्रियन्ट बिना बिल के तथा बिना स्टाक रजिस्टर पर इन्ट्री के स्टाक पाया जाता है तो उसके विरूद्व एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जाय। यदि उक्त आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है, तो जिला कृषि अधिकारी को अवगत करायें तथा जिला कृषि अधिकारी तुरन्त अपेच्छित
कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3ध्7 के अन्र्तगत कार्यवाही करें।
केंद्र सरकार ने एन-95 मास्क का प्रयोग न करने की दी सलाह
सीतापुर(उ0प्र0 समाचार सेवा)। क्या आप वॉल्व वाले वाल्वड रेसपिरेटर्स एन-95 मास्क का प्रयोग कर रहें हैं? यदि हां तो फिर सावधान हो जाएं । यह मास्क कोरोना संक्रमण भी फैला सकता है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण महानिदेशक डॉ. राजीव गर्ग ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने आमजन द्वारा एन-95 मास्क के प्रयोग को रोकने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आमजन से अपील की है कि वह साधारण कपड़े
से बने मास्क का प्रयोग करें। उनका कहना है कि एन-95 मास्क विशेष परिस्थितियों में अस्पतालों के चिकित्सकों के लिए या फिर प्रदूषण से बचाव के लिए लगाये जाते हैं।वॉल्व वाले वाल्वड रेसपिरेटर्स मास्क को पहनने पर वॉल्व के माध्यम से बाहर की हवा अंदर नहीं आती है। मास्क
के माध्यम से हवा अंदर आती है, इससे कोरोना वायरस के हवा के साथ अंदर जाना संभव नहीं है। मगर, जब सांस छोडते हैं तो वॉल्व के माध्यम से वह बाहर निकल जाती है। ऐसे में वॉल्व वाला मास्क पहने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमित है, वह सांस छोडता है, यह वॉल्व के माध्यम से
बाहर निकलेगी। इससे आस पास खडे लोगों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा है। इसके चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वाल्व वाले एन 95 मास्क के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। बिना वाल्व वाले एन 95 मास्क ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं।मास्क का इस्तेमाल एक बार
करने के बाद उसे हाइपोक्लोराइट और ब्लीचिंग पाउडर के घोल में डालने के बाद फेंक सकते हैं। मास्क को धूप में रखकर दोबारा ना पहनें। कपडे के मास्क को साबुन से धो कर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं।कोरोना संक्रमित मरीज और संक्रमित मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर ही एन 95
मास्क पहनें। बाजार, अस्पताल या फिर किसी अन्य भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने वाले लोग सर्जिकल मास्क और ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करें। जहां पर कोरोना संक्रमित मरीज नहीं हैं, वहां कपड़े के मास्क पहने जा सकते हैं। |