प्रतापगढ़1अप्रैल।
लोकसभा
चुनाव
2014
में
जिले
से
मैदान
में
उतरने
वाले
प्रमुख
दलों
की
तस्वीर
साफ
हो
गई
है।
चार
प्रमुख
दलों
में
से
तीन
ने
बाहरी
लोगों
को
प्रत्याशी
बनाया
है,
जबकि
सांसद
रत्ना
सिंह
लगातार
छठवीं
बार
मैदान
में
हैं।
प्रत्याशियों
की
तस्वीर
साफ
होने
के
साथ
ही
जिले
की
सियासी
गर्मी
बढ़
गई
है।
जिले
में
लोकसभा
चुनाव
को
लेकर
दो
साल
पहले
से
ही
दावेदारों
में
बेचैनी
दिखने
लगी
थी।
सबसे
अधिक
दावदोर
भाजपा
के
टिकट
के
लिए
दिख
रहे
थे।
अपना
दल
से
गठबंधन
के
बाद
मुंबई
के
बिल्डर
और
जौनपुर
निवासी
हरिवंश
सिंह
को
टिकट
मिल
गया।
हरिवंश
वर्ष
1996
में
मछलीशहर
संसदीय
सीट
से
सपा
का
टिकट
लेकर
मैदान
में
आए।
हालांकि
मछलीशहर
के
अंतर्गत
आने
वाले
पट्टी
और
बीरापुर
विधानसभा
क्षेत्रों
में
वह
अपना
प्रभाव
नहीं
छोड़
सके।
उस
समय
ईवीएम
नहीं
बल्कि
बैलेट
बाक्स
का
जमाना
था।
अब
एक
बार
फिर
से
मैदान
में
आने
की
घोषणा
से
वह
लोगों
को
याद
आने
लगे
हैं।
सपा
ने
हां-ना,
हां-ना
करते
हुए
अंततरू
बाहरी
प्रत्याशी
प्रमोद
पटेल
की
उम्मीदवारी
पर
मुहर
लगा
दी।
बसपा
ने
प्रत्याशी
तो
बदला
लेकिन
वह
भी
जिले
के
रहने
वाले
किसी
नेता
को
मैदान
में
नहीं
ला
सकी।
इन
प्रमुख
प्रत्याशियों
के
बीच
सिर्फ
कांग्रेस
उम्मीदवार
रत्ना
सिंह
ही
जिले
की
निवासी
हैं।
भाजपा
नेतृत्व
के
अपना
दल
से
तालमेल
कर
सीट
देने
के
बाद
जिले
के
राजनैतिक
हलके
में
आया
सूनापन
हरिवंश
की
घोषणा
के
बाद
कुछ
हद
तक
दूर
हुआ
है।
हालांकि
बाहरी
प्रत्याशियों
को
अपने
कार्यकर्ताओं
के
बूते
चुनावी
बिसात
बिछानी
होगी।
प्रमुख
दलों
के
घोषित
प्रत्याशी
है।
कांग्रेस
से
रत्ना
सिंह,सपा
से
प्रमोद
पटेल,बसपा
से
आसिफ
सिद्दीकी,
अपनादल
से
हरिवंश
सिंह।
|