लखनऊ।
, 03 अगस्त 2016 ।
(उ.प्र.समाचार सेवा)।
पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने
न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कानून सम्मत समान
कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जब कानून
सबके लिए समान है तो फिर कार्रवाई में पक्षपात क्यों हो
रहा है। जिस तरह से उनके पति दयाशंकर सिंह के खिलाफ
कार्रवाई की गई है उसी तरह से उनके बच्चों तथा परिवार के
प्रति अपशब्द बोलने के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
क्यों नहीं हो रही है।
एक बयान जारी कर उन्होंने कहा है कि यहाँ सबको कानून की
निगाह से देखें| दयाशंकर सिंह के खिलाफ कार्यवाई हुए वो
कानून सम्वत है तथा बसपा नेताओं के खिलाफ कार्यवाई क्यूँ
नहीं हुई| मायावती जी के खिलाफ बोले गए शब्द पर उत्तर
प्रदेश की पुलिस ने तुरंत कार्यवाई की और अब दयाशंकर
सिंह के परिवार के खिलाफ बोले गए आपतिजनक शब्द पर
कार्यवाही क्यूँ नहीं जिसमें बसपा नेताओं की गाली-गलौज
की शिकार दयाशंकर सिंह की बूढी मां और 12 साल की बेटी भी
शामिल हैं| ऐसे में अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाई क्यूँ
नहीं| जो पार्टी और नेता सत्ता में आने की बात करते हैं
उनकी इतनी घृणित मानसिकता क्यूँ| क्यूँ समाज, शासन और
प्रशासन उनपर मौन है|
बाबा साहब ने ये कानून सबके लिए बनाया था तो सब पर एक
सामान कार्यवाई क्यूँ नहीं, केवल एकतरफा कार्यवाई क्यूँ|
लोकतंत्र में सरकार न्याय दे या ना दे मैं इस देश की जनता
से आपके माध्यम से न्याय मांगती हूँ| हमें आप से न्याय
की उम्मीद है| क्या मायावती जी मेरी इस न्याय की लड़ाई
में मेरा साथ देंगी| मैं अपने इस परिवार की लड़ाई को
लोकतंत्र में ऊर्जा देने वाली महान जनता के बीच में रहकर
लडूंगी| मायावती जी से हमें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि
वो चौराहों पर शर्मिन्दा करेंगी| हमारा परिवार इससे बहुत
आहत है, हम स्वयं इस लड़ाई को आप सब के सहारे लड़ रहे हैं
और अंतिम समय तक लड़ते रहेंगे|
अंत में आपके माध्यम से प्रदेश की जनता से अपील करती हूँ
कि वे बसपा नेताओं और उसके द्वारा घोषित विधान सभा चुनाव
के प्रत्याशियों का सामाजिक बहिष्कार करें| जब तक मेरी
70 वर्षीय बूढी मां और 12 साल की बेटी को अपमानित करने
वालों पर कार्यवाई नही हो जाती और बीएसपी की मुखिया
मायावती जी नैतिकता के आधार पर माफी नहीं मांग लेतीं तब
तक हमारा संघर्ष देश की महान जनता के सहयोग से जारी रहेगा|
जिस मायावती जी ने नैतिकता का हवाला देते हुए बीजेपी से
कार्यवाई की मांग की अब वही मायावती अपने आपतिजनक बयान
देने वाले नेताओं पर कार्यवाई करने के बजाय उनके समर्थन
में क्यूँ खडी हैं|
आप सभी जानते हैं कि बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी,
मेवालाल गौतम समेत कई बसपा नेताओं ने हजरतगंज चौराहे पर
जो कृत्य किया वह गंभीर कानून उल्लंघन है वह
(क) राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 की धारा 3 (2) के
अंतर्गत आता है| क्यूंकि किसी व्यक्ति या समूह के कृत्या
द्वारा लोक शांति/लोक व्यवस्था भंग होने की आशंका या लोक
शांति भंग होने पर इस कानून के तहत आता है|
(ख) गैंगस्टर एंड एंटी सोशल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट
1986 की धारा 2 (ख) कहती है कि, कोई भी व्यक्ति का समूह
गोलबंद होकर कोई आपराधिक कृत्य करता है तो इस एक्ट के
तहत दोषी माना जाता है|
(ग) पॉस्को की धारा 11 में 18 साल से कम उम्र के बालक या
बालिका के प्रति शब्द द्वारा, कथन द्वारा या चित्रण
द्वारा मानसिक उत्पीडन या उत्पीडन किया जाता है तो, वो
इस धारा के तहत दोषी होता है|
अत: आपको अवगत करा दें कि अभियुक्त नसीमुद्दीन सिद्दीकी
के सामने बसपा कार्यकर्ताओं ने मेरे परिवार के खिलाफ
नाराबाजी की थी जिसमें इन धाराओं के तहत कार्यवाई होनी
चाहिए|