लखनऊ,
18 मार्च। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से टीकट मांग
रहे कांग्रेसी नेता जगदम्बिका पाल का भाजपा
कार्यकर्ताओंं ने मंगलवार को प्रदेश
कार्यालय के मुख्य गेट पर पुतला फूंका।
ज्ञात हो कि पाल ने 14 मार्च को कांग्रेसी
पार्टी और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा
दे दिया। पाल डुमरियागंज लोकसभा सीट से
कांग्रेसी सांसद थे। पाल ने संसद और
कांग्रेस के इस्तीफे को लोकसभा अध्यक्ष और
पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया है। माना जा
रहा है कि वह भाजपा के टिकट पर डुमरियागंज
से चुनाव लड़ सकते हैं।
मोदी के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतारें वाम
दल-भाकपा
लखनऊ, 18 मार्च। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(भाकपा) ने कहा है कि वाराणसी से मोदी को
भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर यह जता दिया
है कि बरबादी काएजेंडा अब उत्तर प्रदेश से
देश पर छा जाने की राह तलाश रहा है। उक्त
बाते भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा।
उन्होंने कहा कि यह वाराणसी और उत्तर
प्रदेश की जनता के लिये भी एक चुनौती है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी एवं उत्तर प्रदेश
की जनता स्वीकार करेगी और मोदी को खाली
हाथों यहां से विदा करेगी। उनहोंने कहा कि
उत्तर प्रदेश और वाराणसी के मतदाता देश की
बरबादी का रास्ता कदापि नहीं खोल सकते। सभी
जानते हैं कि भूल से भी देश की बागडोर मोदी
के हाथों में पहुंच गयी तो वे बरबादी का
ऐसा भीषण तांडव छेड़ेंगे कि उससे उत्तर
प्रदेश ही नहीं देश भी झुलस जायेगा। यह
देश, इसका बुद्धिजीवी तबका एवं जागरूक
मतदाता ऐसा कभी सम्भव नहीं होने देगा।
पुरानी पेन्शन नीति पर दलों को
भेजा पत्र
लखनऊ, 18 मार्च। सरकारी व सार्वजनिक
क्षेत्र में पुरानी पेन्शन नीति की बहाली,
आउटसोर्सिंग बन्द कर नियमित भर्ती करने व
एकतरफा निजीकरण के विरोध में राष्ट्रीय व
प्रान्तीय स्तर के कई बड़े संगठनों ने लोक
सभा चुनाव के पहले राजनीतिक दलों पर इन
मुद्दों को चुनाव घोषणा पत्र में सम्मिलित
करने हेतु दबाव बनाने की रणनीति तय की।
कर्मचारी एवं षिक्षक संगठनों ने कर्मचारी
षिक्षक संयुक्त संघर्श समिति, उ प्र का
गठन कर इसके बैनर तले लोकसभा के चुनाव के
दौरान व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया।
कर्मचारियों व शिक्षकों ने बताया कि वर्ष
2004 में तत्कालीन सरकार ने पेन्शन समाप्त
कर दी थी जिससे विगत दस साल में भर्ती हुए
कर्मचारी-अधिकारी अब पेन्शन के पात्र नहीं
है। विडम्बना यह है कि एक दिन के लिए भी
सांसद या विधायक बनने वाला व्यक्ति जीवन
भर पेन्शन पायेगा जबकि जीवन भर सेवा करने
वाले कर्मचारी को पेन्शन से वंचित कर दिया
गया है।
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