लखनऊ,
26 अक्टूबर, 2016। ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती
ने कहा कि सूबे में विधानसभा चुनाव 2017 का आगाज हो गया
है। इसलिए भाजपा मिथ्या व भ्रामक प्रचार् कर बसपा -सपा
के आपस में मिले होने की बात कर रही हैं।,जबकि दोनों का
नाम मात्र का कोई सियासी मेल जोल नहीं है।
मायावती ने कहा कि सूबे में अभी विधानसभा आमचुनाव के लिये
तिथि की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी अपनी पार्टी भाजपा की तरह ही, मिथ्या व भ्रामक
प्रचार में अभी से ही जुट गये हैं। उन्होंने कहा कि
बुन्देलखण्ड के महोबा रैली के दौरान प्रधानमंत्री ने अपने
भाषण में बसपा सपा पर सियासी मिलीभगत होने का आरोप लगाया
है जो एकदम गलत है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दो जून 1995 को लखनऊ के
स्टेट गेस्ट हाऊस में सपा नेतृत्व द्वारा उन पर कराये गये
जानलेवा हमले के अक्षम्य अपराध् के बाद बसपा ने कभी भी
सपा से कोई नाम मात्र का भी सियासी मेल-जोल नहीं रखा है।
तब से लेकर आज तक लगभग 21 वर्षों की लम्बी अवधि में बसपा
हर स्तर पर व हर मोर्चें पर सपा के आपराधिक चाल, चरित्र
व चेहरे का लगातार विरोध करती रही है और कभी भी राजनीतिक
व चुनावी लाभ-हानि पर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए भाजपा
का भ्रामक प्रचार प्रदेश व देश के लोगों के गले उतरने
वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि सपा के भ्रष्टाचार व उसके
राजनीति के अपराधीकरण का बसपा ने डटकर विरोध किया है तथा
इस सम्बन्ध में अनेकों सख्त फैसले लेकर सख्त कानूनी
कार्रवाई भी की है। फिर भी प्रधानमंत्री विधानसभा चुनाव
के मद्देनजर राजनीति करने पर ही अमादा हैं और वे बसपा पर
असत्य आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-भाजपा यहाँ
एक-दूसरे पर नरम रहते हैं। साथ ही आपसी साँठ-गाँठ करके
प्रदेश में साम्प्रदायिक तनाव व दंगे की राजनीति करके
एक-दूसरे की मदद करते रहते हैं। सपा सरकार के पिछले लगभग
साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान दोनों पार्टियों
की मिलीभगत के कारण ही प्रदेश की लगभग 22 करोड़ जनता किस
प्रकार से जातीय, साम्प्रदायिक व जंगलराज के अभिशाप से
परेशान रही हैं, इसको पूरे देश के लोगों ने महसूस किया
है।