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सपा- रालोद के बीच फिर पकने लगी गठबंधन की खिचडी
Tags:RLD-SP
Publised on : 26 October 2016,  Last updated Time 17:23

लखनऊ, 26 अक्टूबर, 2016। ( उ.प्र.समाचार सेवा)। समाजवादी परिवार में बीते कई माह से छिडे संग्राम को देख पार्टी का जनाधार इधर बीच कुछ कमजोर हो रहा है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में पूर्व की तरह जलवा बरकरार रखने के लिए अकेला चलों का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी ने गठबंधन की ओर अपने कदम बढा दिये है। कोएद का विलय कराने के बाद सपा अब रालोद के साथ तालमेल करना चाहती है। इस बाबत दोस्ती के संकेत सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने दिये।
मालूम हो कि रालोद इस बार बडे दलों के गठबंधन करने को आतुर है। लेकिन भाजपा, बसपा एवं कांग्रेस जैसे दल रालोद के साथ आने को तैयार नहीं है। ऐसे में कमजोर होती सपा भी गठबंधन के सहारे 2012 की तरह 2017 में अपना जलवा दिखाना चाहती है। वहीं रालोद के समक्ष भी गठबंधन को लेकर अब सीमित विकल्प बचे है। इसीलिए रालोद सुप्रीमो चैधरी अजित सिंह ने गत दिनों पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह एवं राम मनोहर लोहिया के समर्थकों को एकमंच पर आने की अपील की थी। इसी का असर देख सपा ने रालोद के साथ दोस्ती का हाथ बढा दिया है।
इस बाबत सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने सपा और राष्ट्रीय लोक दल में गठबंधन के संकेत देेते हुए कहा कि वह समाजवादी चिंतक डा0 राम मनोहर लोहिया और पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह के अनुयायियों को एक साथ लाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए वह सबको करेंगे एकजुट करेंगे।
शिवपाल का यह बयान प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनाव को लेकर देखा जा रहा है। कुछ दिन पहले रालोद अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह ने भी इसी तरह का बयान दिया था। चैधरी अजित सिंह पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह के बेटे हैं। चैधरी चरण सिंह सूबे के मुख्यमंत्री भी रह चुके है। उधर, समाजवादी पार्टी के नेता अपने को लोहिया का अनुयायी बताते हैं। ऐसे में दोनों तरफ से एक जैसा बयान आना यह संकेत देता है कि विधानसभा के चुनाव में इन दोनों दलों का गठबंधन हो सकता है।
सपा इस समय प्रदेश की सत्तारुढ़ पार्टी है। लेकिन पिछले दो माह सपा परिवार में चल रहे विवाद के कारण पार्टी का ग्राफ काफी नीचे गिरा है। ऐसे में सपा चुनाव के लिए रालोद से समझौता कर सकती है। रालोद पूर्व में भी सपा के साथ चुनावी गठबंधन कर चुका है। कुछ माह पूर्व प्रदेश में हुए राज्यसभा एवं विधान परिषद सदस्य के चुनाव में भी रालोद ने सपा प्रत्याशियों का साथ दिया था। इस तरह सपा एवं रालोद बीच दोस्ती को लेकर एक बार फिर गठबंधन की खिचडी पक रही है।

   
   
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News source: UP Samachar Sewa

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