लखनऊ
(Lucknow UP)। उत्तर प्रदेश विधान सभा
चुनाव के दूसरे चरण में हुई बम्पर वोटिंग ने भाजपा का
उत्साह बढ़ा दिया है। भाजपा का मानना है कि उसके जो वोटर
विगत चुनावों में वोटिंग में कम उत्साह लेते थे। इस बार
उन्होंनें जमकर वोटिंग हुई है। भाजपा ने दूसरे चरण में
सहरानपुर से लखीमपुर खीरी तक हर सीट पर सपा-कांग्रेस
गठबंधन और बसपा को टक्कर दी है। इस चरण में एक भी सीट ऐसी
नहीं थी जहां दूसरे दलों का मुकाबला भाजपा से न हो। भाजपा
हर सीट पर मुकाबले में रही। यही वजह है कि भाजपा के
प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने दूसरा चरण खत्म होने
के तत्काल बाद राजधानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए
दूसरे चरण में 40 सीटें जीतने का दावा कर दिया है।
दूसरे चरण का इलाका
आबादी में सर्वाधिक मुस्लिम अनुपात की दृष्टि से जाना
जाता है। इस क्षेत्र में मुस्लिम जिलेवार 18 से लेकर 49
प्रतिशत तक है। सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रामुपर और
मुरादाबाद जिले में है। रामपुर में 49.14
प्रतिशत,मुरादाबाद और संभल में 45.54 प्रतिशत मुसलमान
आबादी है। इसके बाद बिजनौर में 41.71 प्रतिशत, अमरोहा
में 39.38 प्रतिशत, सहारनपुर 39.11 प्रतिशत, बरेली 33.89
प्रतिशत,पीलीभीत में 22.61 प्रतिशत, बदायूं 21.33
प्रतिशत, लखीमपुर खीरी 19.10 प्रतिशत तथा
शाहजहांपुर में 18.46 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। यही वजह
है कि मुस्लिमों के रुझान पर ही दूसरे चरण के प्रत्याशियों
के भविष्य को देखा जा रहा है। सपा इस आबादी के अनुपात को
देखकर ही यहां टिकट तय करती रही है। किन्तु इस बार इस
तथ्य को बसपा और रालोद ने स्वीकार करके टिकट तय किये।
दूसरे चरण के
क्षेत्र में जिन 11 जिलों के 67 विधान सभा क्षेत्रों में
चुनाव हुआ है उनमें पिछले चुनाव में सपा नम्बर एक पर रही
थी। इसे 67 में से 34 यानि की आधी से भी अधिक सीटें मिली
थीं। दूसरे नम्बर पर बसपा 18 तथा तीसरे पर भाजपा ने 10
सीटें जीती थीं। कांग्रेस को तीन, पीस पार्टी और आईएमसी
को एक एक सीट मिली थी।
भाजपा के उत्साह
का कारण स्पष्ट है। पार्टी चाहती थी कि दूसरे चरण में
मुसलमान वोटों का विभाजन हो जाए। ताकि उसके प्रत्याशी
बढ़त बना सकें। यह काम बसपा, एमआईएम, पीस पार्टी और
रालोद ने अधिकांश सीटों पर मुसलमान प्रत्याशी उताकर कर
दिया। यहां मुरादाबाद मण्डल परम्परागत रूप से मुसलमानों
के अधिक वोट होने के कारण सपा का गढ़ माना जाता रहा है।
सपा के तीन कद्दावर नेता आजम खां, महबूब अली, इकबाल
महमूद और कमाल अख्तर इसी क्षेत्र से प्रत्याशी हैं।
लेकिन, मण्डल की अधिकांश सीटों पर बसपा, रालोद और एमआईएम
ने मुसलमान प्रत्याशी उतार दिये। वहीं रालोद ने भी कई
प्रमुख सीटों पर मुसलमानों को ही टिकट दिये। इस स्थिति
में मसुलमानों का विभाजन हो गया। एकमुश्त मुसलमानों का
वोट किसी पार्टी के पक्ष में नहीं गया। हालांकि यह माना
जा रहा है कि यहां अधिकांश मुसलमानों सपा को ही पहली
पसंद माना। जबकि सहारनपुर जनपद में भाजपा और बसपा के बीच
कांटे की टक्कर मानी जा रही है। इस स्थिति के चलते भाजपा
इस बार नौगांवा में चेतन चौहान, मुरादाबाद नगर में रितेश
गुप्ता, कांठ में राजेश चुन्नू, बिलारी मे सुरेश सैनी को
जिताने में सफल हो सकती है। ठाकुरद्वारा, कुन्दरकी,
मुरादाबाद देहात, संभल, चन्दौसी, असमोली, हसनपुर, धनौरा
में भाजपा के प्रत्याशी कड़े मुकाबले मे रहे हैं।
बरेली मण्डल भाजपा
और सपा के गढ़ माने जाते हैं। यहां भाजपा ने सपा को पीछे
छोड़ दिया। क्योंकि भाजपा के पक्ष में उसके परम्परागत
वोटों के साथ साथ गैर यादव सभी ओबीसी का साथ मिला। वैसे
भी बरेली में मण्डल में ओबीसी में सबसे ज्यादा संख्या
कुर्मी, मौर्य और लोध जाति है। बरेली के कुछ हिस्सों और
बदायूं में यादवों का भी प्रभाव है वह सपा के साथ गए
हैं। इसलिए यादव-मुसलमान गठजोड़ के साथ सपा-कांग्रेस
गठबंधन ने भाजपा को टक्कर दी है। कुछ सीटों पर बसपा ने
त्रिकोणात्मक मुकाबाला बनाया है। इस कारण बरेली में भाजपा
अपनी शहरी दोनों सीटों के बचाने के साथ साथ आंवला, बहेड़ी
सीटों पर भी जीत पक्की मानकर चल रही है। शाहजहांपुर में
भी भाजपा को सपा कांग्रेस गठबंधन ने ही टक्कर दी है। यहां
भाजपा के विधान मण्डल दल के नेता सुरेश खन्ना, कांग्रेस
के जितिन प्रसाद और सपा के राममूर्ति वर्मा की जीत तय
मानी जा रही है।
मतदान प्रतिशत
जिला |
2017 |
2012 |
2007 |
सहारनपुर |
70.67 |
71.11 |
56.09 |
बिजनौर |
67.26 |
64.46 |
51.10 |
मुरादाबाद |
64.36 |
63.93 |
46.66 |
अमरोहा |
69.00 |
69.45 |
58.96 |
संभल |
65.45 |
63.92 |
49.90 |
रामपुर |
64.55 |
60.32 |
46.73 |
बरेली |
62.17 |
64.77 |
52.45 |
पीलीभीत |
67.28 |
68.20 |
47.78 |
बदायुं |
60.89 |
61.35 |
51.43 |
शाहजहांपुर |
60.20 |
64.96 |
42.53 |
लखीमपुर |
66.38 |
64.41 |
41.53 |
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