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सीतापुर के मरीज को केजीएमयू की लारी कार्डियोलाजी में नहीं मिला इलाज, बैरंग लौटाया

कोरोना काल में गम्भीर रोगों का भी नहीं किया जा रहा इलाज

आलोक कुमार वाजपेयी उत्तर प्रदेश समाचार सेवा

Tags: Sitapur patient retuned without treatment from Lari cardiology KGMU lUCKNOW
Publised on : 2020:06:25     Time 22:22              Last  Update on  : 2020:06:25     Time 22:22

KGMUसीतापुर, 25 जून 2020। (उप्रससे)। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के स्पष्ट आदेश के बावजूद सरकारी अस्पताल कोरोना के भय से अन्य गंभीर रोगियों का इलाज नहीं कर रहे हैं। मरीजों को बड़े बड़े चिकित्सा संस्थानों से वापस लौटाया जा रहा है। मरीजों और उनके परिजनों से कहा जाता है कि अपने घर वापस लौट जाएं अन्यथा यहां से कोरोना उपहार में मिल जाएगा। ऐसी ही घटना बीते दिनों राजधानी लखनऊ के विश्व प्रसिद्द किंग जार्ज मेडिकल यूनिर्वसिटी के लारी कार्डियोलाजी में घटित हुई। यहां इलाज के लिए गए मरीज को लारी के स्टाफ ने बैरंग लौटा दिया। उनसे कहा गया कि अपने जिले में ही इलाज कराइये यहां कोई डाक्टर इस समय उपलब्ध नहीं है।

लारी की यह हाल तब  है जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सभी चिकित्सालयों को स्पष्ट आदेश हैं कि जो भी मरीज आये उसे कोरोना संदिग्घ मानकर मानक के अनुसार जांच सैंपल भेजा जाए, लेकिन इलाज से किसी को  इनकार नहीं किया जाएगा। उसे तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाए। लेकिन, इस आदेश को मानने के लिए लारी कार्डियोलाजी तैयार नहीं है।

जानकारी के अनुसार ऐसी ही घटना संतोष कुमार के साथ घटित हुई। उन्होंने आपबीती सुनाई। मरीज संतोष कुमार कई माह पूर्व से ब्लड प्रेशर और दिल की समस्या से ग्रसित थे। इनका इलाज सीतापुर के जिला चिकित्सालय से चल रहा था। एक दिन अचानक अधिक हालत खराब होने के कारण जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के लारी विभाग को रेफर कर दिया। जब मरीज लखनऊ लारी को पहॅुचा तो वहां के हालात देखकर वह अवाक रह गया। चूंकि वहां उपस्थित डाक्टरों ने बताया कि आपका इलाज इस समय यहां नहीं किया जा सकता है। यहां कोई भी डाक्टर उपस्थित नहीं है। इस लिए आप सीतापुर वापस जाओ। नहीं तो कोरोना आपको उपहार में मिल जायेगा। अब सवाल यह है कि क्या ऐसे ही डाक्टरों को कोरोना योद्धा के नाम से नवाजा जा रहा है ? पीडित सन्तोष कुमार सीतापुर वापस आकर डाक्टरों की तलाश फिर से प्रारम्भ कर दी। लेकिन अभी तक कोई सही चिकित्सक नहीं मिल सका है। श्री सन्तोष ने यह भी बताया कि मेरे अलावा वहां बहुत से मरीजो की उपस्थिति थी परन्तु किसी को इलाज नहीं मिल पाया। सब अपने घरों को बैंरंग वापस चले गये। अब सोचनीय बात तो यह है कि एक यह मामला तो संज्ञान में आया है लेकिन ऐसे कितने मामले हुए होगें, जिनमें मरीजो को अपनी जान भी गवांनी पडी होगी। और हमारी केन्द्र से लेकर प्रदेश की सरकार अपने आप अपनी तारीफ करने में जरा सा भी संकोच नहीं करती।

News Source Alok Kumar Vajpayee, Sitapur UP Samachar Sewa,

Summary:  लखनऊ की लारी कार्डियोलाजी से लौटाया दिल का मरीज, कोरोना के भय से नहीं किया इलाज

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