|
हिन्दू
हित के लिए कार्य कर रहे संगठन
‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के केन्द्रीय
मार्गदर्शक डा. चारुदत्त पिंगले
19 नवम्बर 2016 (शनिवार) को उत्तर प्रदेश
की राजधानी लखनऊ में थे। वे यहां आयोजित ‘
एक भारत अभियान-कश्मीर की ओर’ विषयक हिन्दू
अधिवेशन में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग
लेने के लिए पधारे। इस अवसर पर
सर्वेश कुमार सिंह
ने श्री पिंगले से राष्ट्र के सामने
चुनौतियों, हिन्दू जनजागृति समिति के
लक्ष्य और कार्यों को लेकर विशेष बातचीत
की। प्रस्तुत हैं वार्ता के प्रमुख अंशः
प्रश्नः हिन्दू जनजागृति समिति
का लक्ष्य क्या है?
उत्तरः ‘हिन्दू राष्ट्र’ पहला और अन्तिम
लक्ष्य है।
प्रश्नः आप हिन्दू हित के लिए कार्य कर
रहे हैं, समाज के लिए क्या संदेश है?
उत्तरः हम हिन्दू अपनी मूल पहचान के साथ
रहें। हम सनातन में हिन्दूधर्मी हैं। न
जात, न पात, न भाषा, न प्रांत, न आहार, न
वस्त्र कोई भेद नहीं। हम केवल हिन्दू हैं।
हिन्दुओं को संगठित और क्रियाशील होना
आवश्यक है।
प्रश्नः हिन्दू समाज के सामने तीन सबसे
बड़ी चुनौतियां क्या हैं?
उत्तरः सम्पूर्ण विश्व में हिन्दुओं का
कोई भी राष्ट्र ऐसा नहीं है जिसे हिन्दू
राष्ट्र कहा जाए। सभी धर्मों इस्लाम,
ईसाइयत, बौद्ध, यहूदी के देश हैं, लेकिन
कोई भी हिन्दू राष्ट्र नहीं है। यही सबसे
बड़ी चुनौती है। विधिवत हिन्दू राष्ट्र
बनाना ही प्रमुख चुनौती है। दूसरी चुनौती
यह है कि हिन्दुओं को देश में धर्म शिक्षा
देना प्रतिबंधित किया गया है, जबकि अन्य
धर्मों क ो धार्मिक शिक्षा देने की छूट
है। हिन्दुओं को भी धार्मिक शिक्षा का
संवैधानिक अधिकार दिलाना है। विश्व भर में
हिन्दुओं का पैतृक स्थान भारत है, यहां
अन्य देशों से आये ऐसे हिन्दुओं को
नागरिकता प्रदान करने के लिये नीति बने,
जोकि अन्य देशों में उत्पीड़न के कारण ऽाारत
में आ रहे हैं। उत्पीड़न की घटनाओं से
आस-पास के देशों से हिन्दू पलायन करके
भारत आ रहे हैं।
प्रश्नः क्या हिन्दुओं की घटती जनसंख्या
भी चुनौती है?
उत्तरः चुनौती तो है लेकिन, अल्पसंख्यक
तुष्टिकरण इससे बड़ी चुनौती है। ‘हम दो -
हमारे दो’ का प्राविधान केवल हिन्दुओं के
लिये है। सरकार राष्ट्रीय स्तर पर
तुष्टिकरण करती है। फिर भी चिंता करने जैसी
कोई बात नहीं हैं, हम 80 प्रतिशत हैं। हम
जितने हैं सभी धर्मनिष्ठ और राष्ट्रभक्त
बनें।
प्रश्नः क्या राजनीतिक परिवर्तन से भी
हिन्दू राष्ट्र बन सकता है?
उत्तरः राजनीतिक परिवर्तन से संभव तो
है, किन्तु इसमें समय अधिक लगेगा। तब तक
देश में इस्लामीकरण भी तेजी से बढ़ जाने का
खतरा है।
प्रश्नः हिन्दू जनजागृति समिति की
स्थापना कब हुई?
उत्तरः संस्था की स्थापना 7 अगस्त 2002 को
महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुई। इसका
पंजीकरण गोवा में हुआ।
प्रश्नः संस्था की सांगठनिक कार्यपद्यति
क्या है?
उत्तरः हिन्दू राष्ट्र की स्थापना, हिन्दू
जागृति, धर्म शिक्षा के लिए प्रेरित करने
के उद्देश्य को लेकर हिन्दू अधिवेशन,
एकत्रिकरण,त्यौहार एवं जयंतियों पर आयोजन
करते हैं। धर्म शिक्षा के लिये सत्संग,
बैठकें और गोष्ठियां आयोजित की जाती हैं।
जिला, प्रांत और राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू
अधिवेशन आयोजित किये जाते हैं। हम 22
प्रांतों में 200 संगठनों के साथ मिलकर
कार्य कर रहे हैं। ‘संगठनों का संगठन’ इस
कार्यपद्ति से कार्य करते हैं। दो साल में
25 हिन्दू अधिवेशन आयोजित हो चुके हैं। हर
माह एक अधिवेशन आयोजित किया जाता है। इसमें
एक राष्ट्रीय तथा एक स्थानीय समस्या को
मुद्दा बनाया जाता है।
प्रश्नः क्या भविष्य में किसी बड़े
आन्दोलन की योजना है?
उत्तरः जनवरी 2017 में कश्मीर समस्या पर
राष्ट्रव्यापी आन्दोलन होगा।
प्रश्नः समाज से क्या अपेक्षा है?
उत्तरः हर परिवार, हर नागरिक धर्म जागरण
के लिए कुछ समय अवश्य दे। यह हिन्दू समाज
से अपेक्षा है।
सर्वेश कुमार सिंह
स्वतंत्र पत्रकार
मोबाइल: 9453272129 , व्हॉट्सएप:
9455018400 ,
Sarvesh Kumar Singh
Freelance
Journalist
|