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Swami Vivekanand से प्रेरणा लेकर

पत्रकार सत्य का उद्घाटन करें: स्वामी मुक्तिनाथानन्द

विवेकानन्द जयंती पर उपजा ने आयोजित किया युवा पत्रकार सम्मेलन
सत्य का उद्घघाटन करने में पत्रकार भयभीत न हों:स्वामी मुक्तिनाथानन्द
150 वीं जयंती के शुभारम्भ पर विश्व संवाद केन्द्र सभागार में हुआ सम्मेलन
पत्रकारिता के धर्म, कर्म और मर्म को जान लेना मूल कार्यः हृदयनारायण दीक्षित

Tags: #UPJA Yuva Patrakar Sammelan, #Swami Muktinathanand, Publised on :12.01.2012, 23:11   

Yuva Patrakar Sammelan on the occasion of Swami Vivekanand birth anniversioryUP Journalists Association लखनऊ,12 जनवरी 2012, (यूपी समाचार सेवा UP Samachar Sewa)। सत्य का उद्धाटन करने में पत्रकार भयभीत न हों। पत्रकार निर्भीक होकर सत्य के रास्ते पर चलें तो विजय निश्चित है। लेकिन, यह कार्य चुनौती पूर्ण है। स्वामी विवेकानन्द की वाणी से प्रेरणा लेकर इस कार्य को आसानी से किया जा सकता है। ये विचार रामकृष्ण मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द ने व्यक्त किये। वे आज अपरान्ह लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा स्वामी विवेकानन्द की 150 वीं जयंती वर्ष के शुभारम्भ पर विश्व संवाद केन्द्र के सभागार में आयोजित युवा पत्रकार सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रनीति सत्यमेव जयते की है। सत्स के रास्ते पर चलने वाले की विजय होती है। स्वामी विवेकानन्द ने संदेश दिया कि भयहीन होकर कार्य करो, आपकी विजय होगी। उन्होंने कहा कि जो डरता है वह हारता है। स्वामी जी की वाणी से अनप्रणीत होकर यदि पत्रकार कार्य करें तो उनके चुनौती पूर्ण कार्य में सफलता अवश्य मिलेगी। स्वामी जी ने कहा कि सत्य के रास्ते पर चलने वाला पत्रकार सिर ऊंचा करके चल सकता है। उन्होंने कहा कि सत्य को छिपाने वाले लोग पत्रकार का सामना नहीं कर सकते हैं। स्मामी मुक्तिनाथानन्द ने कहा कि आज देश के सामने सबसे बड़ी समस्या है कि हमारा समाज नेतृत्व विहीन है। हमारे पास ज्ञान, विज्ञान, प्रतिभा सब कुछ है लेकिन यदि अभाव है तो केवल एक चीज वह है नेतृत्व । हमारे पास आदर्श नेता नहीं है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लेखक हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि युवा को पढ़ाई बढानी चाहिए। पत्रकारिता के धर्म, कर्म और मर्म को जान लेना मूल कार्य है। पत्रकारिता चुनौती पूर्ण कार्य है। कोई भी चुनौती तभी आती है जब कोई लक्ष्य लेकर कार्य किया जाए। यदि जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होगा तो चुनौती भी नहीं होगी। भारत की पत्रकारिता का मूल उद्देश्य भारतीयता से अवगत कराना है। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डा.एस.के.पाण्डे ने कहा कि पत्रकार को असत्य को स्वीकार नहीं करना चाहिए। चाहे वह बड़ा हो या छोटा। लखनऊ पत्रकारिता और जनसंचार संस्थान के निदेशक अशोक सिंहा ने कहा कि पत्रकार को समदर्शी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द ने समदर्शी होने की शिक्षा दी। उन्होंने गरीब की सेवा को धर्म बताया।

वरिष्ठ पत्रकार शिवशंकर गोस्वामी ने कहा कि पत्रकारों को सकारात्मक पत्रकारिता करनी चाहिए। इससे समाज का हित होता है। उ.प्र.जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि हमें पत्रकारिता में एथिक्स विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन करना चाहिए। कार्यक्रम में लखनऊ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मिश्र ने अतिथियों का स्वागत किया एवं महामंत्री भारत सिंह ने परिचय कराया। कार्यक्रम का संचालन उपजा के प्रदेश महामंत्री सर्वेश कुमार सिंह ने किया। इसके पूर्व मुख्य अतिथि स्वामी मक्तिनाथानन्द ने दीप प्रवलित कर एवं स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का उद्धाटन किया। युवा दिवस पर आयोजित युवा पत्रकार सम्मेलन एवं पत्रकारिता एथिक्स विषय कार्यशाला में राजधानी के नवोदित पत्रकार, संवाद सूत्र एवं पत्रकारिता प्रशिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने भाग लिया

Swami Muktinathanand, President Shri Ramkrishna Math, Lucknow, Hirdyanarayan Dixit, Ashok Sinha, Shivshankar Goswami, Rajiv Shukla, Sarvesh Kumar Singh, Ashok Mishra, Bharat Singh

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