लखनऊ
04 मार्च।
मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को हड़ताली
डाक्टरों के प्रतिनिधिमण्डल की मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव से मुलाकात हुई। इस मौके पर
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और सचिव भी
मौजूद थे। डाक्टरों के प्रतिनिधिमण्डल में
कानपुर मेडिकल कालेज के डाक्टर, केजीएमयू
के शिक्षक डाक्टर और आईएमए के प्रतिनिधि
मौजूद थे। किन्तु इस वार्ता में कोई ठोस
हल नहीं निकला। सिवाय इसके कि डाक्टरों को
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का
आश्वासन दिया गया।
वार्ता में मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने कहा कि दोषी बख्शे नहीं
जाएंगे और किसी भी निर्दोष के खिलाफ
कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि इस बातचीत
में डाक्टरों ने आश्वासन दिया कि हड़ताल
खत्म कर दी जाएगी। लेकिन अभी तक हडताल
समाप्त नहीं हुई है। बैठक में फैसला किया
गया कि मामले की जो जांच जिलाधिकारी
कानपुर नगर के स्तर से की जा रही है। उसे
तीन सप्ताह में पूरा करा दिया जाएगा। इसके
अलावा यदि कोई प्रबावित व्यक्ति अपनी
प्राथमिकी दर्ज कराना चाहता है को वह
जिलाधिकारी या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को
प्रार्थना पत्र दे सकता है। उस पर विधिक
जांच के बाद फैसला लिया जाएगा। डाक्टरों
के खिलाफ दर्ज मामलों मे फैसला हुआ कि इसमें
केस टू केस जांच की जाएगी ताकि किसी
निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई न हो।
इस बैठक में डाक्टरों की
दो प्रमुख मांगों पर कोई फैसला नहीं हुआ।
जिसमें उन्होंने मांग की थी कि कानपुर नगर
के सपा विधायक इरफान सोलंकी और वरिष्ठ
पुलिस अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही डाक्टरों के खिलाफ मुकदमें
तत्काल वापस लेने की मांग पर कोई फैसला नहीं
हुआ। निर्णय यह हुआ कि मुकदमें जांच के
बाद गुण दोष के आधार पर वापस लिये जाएंगे।
ज्ञातव्य है कि गत 28 फरवरी को गणेश शंकर
विद्यार्थी मेडिकल कालेज कानपुर के समीप
सपा विधायक और मेडिकल छात्रों के बीच हुए
विवाद के बाद पुलिस ने जबरदस्त लाठी चार्च
किया था। मेडिकल कालेज के डाक्टरों को
पुलिस ने उनके हास्टल में घुसकर पीटा था।
घटना के विरोध में मेडिकल कालेज के डाक्टर
हड़ताल पर चले गए। जोकि प्रदेश भर में फैल
गई। |