नई
दिल्ली,15 अगस्त 2016। ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 70
वीं वर्षगांठ के अवसर पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया
है। उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर बगैर नाम लिये
कड़ी आलोचना की। पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी नीति को
दिखावा बताया। वहीं नरेन्द्र मोदी देश के ऐसे पहले
प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्होंने लाल किले की प्राचीर
से पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगिट और बलुचिस्तान का जिक्र
किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर आतंकवादी घटनाओं और कश्मीर
में लड़ रहे युवाओं का आह्वान किया कि वे आतंकवाद का
रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हो जाएं।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से फटकार
लगाते हुए कहा कि जब पेशावर में स्कूल पर आतंकी हमला हुआ
था तो हमारे देश के हर नागरिक और संसद की आंखों में आंसू
थे। लेकिन जब हमारे यहां आतंकी वारदात होती है तो लोग
जश्न मनाते हैं। नरेन्द्र मोदी ने जहां आतंकवादी
गतिविधियों में लिप्त युवाओं का आह्वान किया कि वे
मुख्यधारा में वापल लौट आयें वहीं उन्होंने पाकिस्तान के
कब्जे वाले कश्मीर, गिलगिट और बलुचिस्तान के उन लोगों के
प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें हाल ही में
धन्यवाद दिया था।
सार्क देशों से गरीबी मिटे
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की बदली
विदेश नीति का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य सभी
सार्क देशों से गरीबी हटाने का है। हम ऐसा सपना देखते
हैं कि पडोसी देश के नागरिक भी खुशहाल हों। उन्होंने कहा
कि हमारी सरकार बनने पर हमने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क
देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। मोदी ने कहा कि
सार्क देशों की समान समस्या गरीबी है। हम चाहते हैं कि
पड़ोसियों से लड़ने के बजाय गरीबी से लड़ा जाए। गरीबी से
आजादी सबसे बड़ी आजादी है।
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