Meerut
मेरठ।
भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के
उम्मीदवारी नरेन्द्र मोदी ने मरेठ की जनता
से भावनात्मक अपील की। उन्होंने मेरठ को
देश के सबसे तेजी से उभरते हुए शहर में
शामिल होने की बात कहते हुए यह भी कहा कि
इस शहर की उपेक्षा हुई है। यहां न तो
जरुरत के मुताबिक सड़कें बनीं और न ही
रेलवे लाइनों का विकास हुआ। इस ऐतिहासिक
शहर को अभी तक हवाई अड्डा भी नहीं मिल
सका है जबकि नागरिक उड्डयन मंत्री इस
क्षेत्र से हैं।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि
मेरठ ने 1857 के पहले स्वातंत्रय संग्राम
की अगुआई की थी। इसलिए अंग्रेज इस क्षेत्र
से नाराज हो गए थे। इसी कारण उन्होंने
मेरठ को रेलवे की मुख्य लाइन से अलग रखा।
इस नाराजगी को कांग्रेस की सरकारों ने भी
बरकरार रखा। उन्रहोंने भी यहां विकास नहीं
होने दिया। मोदी ने कहा कि क्या मेरठ को
दिल्ली से जोड़ने वाला एक्सप्रेस हाई वे
नहीं मिल सकता था। उन्होंने इस क्षेत्र के
गन्ना किसानों के दुख दर्द को भी छुआ। मोदी
ने कहा कि गुजरात में गन्ना किसान ही चीनी
मिलों के मालिक हैं। वहां गन्ना आने से
पहले ही तय कर दिया जाता है कि किस खेत का
गन्ना कौन सी मिल में जाएगा। उन्होने बताया
कि गुजरात ने सहकारिता में क्रांति की है।
उन्होंने कहा कि काश आज चौधरी चरण सिंह और
महेन्द्र सिंह टिकैत होते तो यहां की
सरकारों की नाक में दम कर देते। राज्य में
मिलें गन्ना किसानों को पैसा नहीं दे रही
हैं। चौधरी चरण सिंह के योगदान को याद करते
हुए उन्होंने कहा कि एक बार देश को किसान
पुत्र प्रधानमंत्री मिला था। उनके पास
विकास का दर्शन था।
लोहिया के अनुयायी करते
हैं किसानों की उपेक्षा
मोदी ने कहा कि इसी यूपी
में डा. राम मनोहर लोहिया को मानने वाले
सरकार चला रहे हैं। किन्तु वे किसानों की
उपेक्षा करते हैं। उन्हें किसानों की कोई
चिंता नहीं है। यहां उत्पादन बढाने के लिए
कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। हम
गुजरात में नई रिसर्च करके गन्ना का
उत्पादन बढ़ा सकते हैं तो उत्तर प्रदेश
में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। उन्होंने
कहा कि विकास वादों से नहीं इरादों से होता
है।
उन्होंने केहा कि यह सरकार
पश्चिम उत्तर प्रदेश की उपेक्षा कर रही
है। यहां बिजली नहीं है, यहां बिजली जाना
कोई खबर नहीं होती यिजली आना ही खबर होती
है। उन्होंने कहा कि गुजरात में चौबीस घंटे
और तीन सौ पैंसठ दिन बिजली मिलती है। यह
विकास से ही संभाव हो सका है।
महर्षि दयानन्द सरस्वती
को याद किया
गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में
सक्रिय रहे और आर्य समाज के संस्थापक
महर्षि दयानन्द सरस्वती को भी याद किया।
उन्होंने कहा कि मेरा और मेरठ का सीधा नाता
है क्योंकि दयानन्द गुजरात के निवासी थे
और उन्होंने इस क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि
बना लिया था। इस क्षेत्रक ा कोई घर ऐसा नहीं
होगा जहां तक उनके आदर्श और सिद्दान्त नहीं
पहुंचे हों।
फिर पहुंचाएं रोटी कमल
का संदेश
मोदी ने कहा कि 1857 के
स्वतंत्रता संग्राम में रोटी और कमल का
संदेश दिया गया था। आज फिर इस बात की
जरूरत है कि इसी मेरठ से रोटी और कमल का
संदेश दिया जाए। उन्होंने कहा कि मेरठ से
ही यह फिर शुरुआत हो कि हर गरीब के घर में
उसकी थाली में रोटी पहुंचाने के लिए कमल
का लाया जाए। इसलिए हर घर में रोटी और कमल
का संदेश फिर पहुंचाएं।
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