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Muzaffarnagar,
March 31, UP News, Report by Sachin
Dhiman
मुजफ्फरनगर।
दिल्ली में इजरायली राजनयिक की कार में
स्टीकर बम से धमाका करने के आरोप में
गिरतार किये गये ईरानी रेडियो न्यूज एजेंसी
के पत्रकार मौहम्मद अहमद काजमी की बिना
शर्त रिहाई और उनको गिरतार करने वाले
दिल्ली पुलिस के अफसरों के खिलाफ आपराधिक
मुकदमा कायम करने की मांग को लेकर
आक्रोशित सैंकड़ों लोगों ने स्थानीय रेलवे
स्टेशन पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और दो
एक्सप्रेस ट्रेनों को काफी देर तक रोके रखा।
प्रदर्शनकारियों के हंगामे के कारण सुरक्षा
के लिए लिए मौके पर मौजूद पुलिस बल
मूकदर्शक बना रहा। प्रदर्शनकारियों ने
केन्द्र सरकार को चेतावनी दी कि यदि काजमी
को रिहा नहीं किया गया तो यह आन्दोलन पूरे
भारत वर्ष में चलाया जायेगा और मुजफरनगर
से इसकी शुरूआत कर दी गयी है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि एक अपै्रल
को मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ियों
रोक कर प्रदर्शन किया जायेगा। प्रदर्शन के
दौरान कुछ युवकों ने ट्रेन पर पत्थर भी
फेंके। घंटों तक रेलवे स्टेशन पर पूरा
हंगामा बरपा रहा। प्रदर्शनकारियों ने
राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन अपर
जिलाधिकारी प्रशासन डा. राममनोहर मिश्रा
को सौंपा।
प्राप्त समाचार के अनुसार जनपद मुख्यालय
पर स्थित मुजफरनगर रेलवे स्टेषन पर आज
सवेरे ईरानी पत्रकार मौहम्मद अहमद काजमी
की गिरतारी में विरोध प्रदर्शन के लिए
मुस्लिम समाज के सैंकड़ों लोग आर्य समाज
रोड पर सादात हॉस्टल परिसर में एकत्र हुुए।
यहां दिल्ली से आये पत्रकार काजमी के
पुत्र शौजफ काजमी और उनके भांजे बहादुर
अब्बास ने लोगों के समक्ष कहा कि बम
विस्फोट की घटना में इजरायल और अमेरिका के
दबाव में ही ईरानी न्यूज एजेंसी के
पत्रकार काजमी को फंसाया गया है। इस साजिश
के खिलाफ कौम को आवाज उठानी होगी। यहां से
सभी लोग जुलूस के रूप में स्थानीय रेलवे
स्टेशन पहुंचे। प्रदर्शनकारियों के आने की
खबर पर स्टेशन को छावनी में बदल दिया गया
था। अपर जिलाधिकारी प्रशासन डा. राममनोहर
मिश्रा, नगर मजिस्ट्रेट डा. चन्द्रभूषण,
सीओ सिटी शिवराम यादव के नेतृत्व में रेलवे
स्टेषन पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया
था। प्रदर्शनकारियों ने स्टेशन पर पहुंचते
ही पत्रकार काजमी के समर्थन में नारेबाजी
की और अमेरिकी विरोधी नारे भी लगाये।
प्रदर्शनकारियों ने स्टेशन पर पहुंची
उत्कल एक्सप्रेस और जनशताब्दी एक्सप्रेस
रेलगाड़ियों के आने पर उनको रोक लिया और
दोनों ट्रेन प्रदर्शनकारियों के कब्जे में
हो गयी। इन दोनों महत्वपूर्ण ट्रेनों को
प्रदर्शनकारियों द्वारा अपने निर्धारित
स्टॉपेज टाइम से आधा-आधा घंटा तक रोके रखा
गया। अधिकारियों के समझाने पर
प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों को आगे रवाना
किया। इसी बीच कुछ युवकों द्वारा ट्रेन
रोकने के लिए पत्थरबाजी भी की, जिसके कारण
स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी लेकिन कुछ लोगों
की समझदारी से मामला शांतिपूर्ण निपट गया।
इस मामले में प्रदर्शनकारियों की ओर से
राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित ज्ञापन अपर
जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपा गया। ज्ञापन
में कहा गया है कि 6 मार्च 2012 को
मौहम्मद अहमद काजमी को इजरायल और अमेरिकी
की घटिया मानसिकता को उजागर करने वाली
पत्रकारिता करने के लिए ही दबाव में आकर
गिरतार किया गया है। भारत सरकार उनकी
अविलम्ब बिना शर्त रिहाई का रास्ता तय करे
और पुलिस अफसरों पर भी कार्यवाही की जाये।
प्रदर्शन करने वालों में मौलाना असद रजा,
नसीम हैदर, मुति जुल्फिकार, जिल्ले हैदर,
शबाब जैदी, वली हसनैन, कामरान काजमी, शौजफ
काजमी, बहादुर अब्बास, जफरयाब हुसैन, वसी
मेहंदी, आरिफ हुसैन, हसीन जानसठी, मौहम्मद
हैदर, कमर अब्बास, कौसर अब्बास, डा. नजमुल,
बाबर जैदी आदि शामिल रहे। |