Maharajganj,
08 April 2012, UP Samachar Sewa,
Web News LIVE. महाराजगंज।
शहर के एक अंग्रेजी माध्याम स्कूल में
धर्म परिवर्तन के दौरान हिन्दू संगठनों के
हस्तक्षेप से संघर्ष हो गया। संघर्ष में
पादरी समेत छह लोग घायल हो गए। पुलिस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक
समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि
मामले की रिपोर्ट दोनों पक्षों द्वारा
दर्ज करायी गई है। संघ प्रचारक की
गिरफ्तारी पर भारतीय जनता पार्टी के
कायकर्ताओं और हिन्दू संगठनों को लोगों ने
थाने पर जमकर हंगामा किया।
जानकारी के अनुसार सदर कोतवाली अन्तर्गत
पडरी स्थित एवरेस्ट इंग्लिश स्कूल में 6
से 8 अप्रैल तक छुटकारा कार्यक्रम का
आयोजन किया गया था। इस आयोजन में आसपास के
क्षेत्रों के बंजारा जाति के लोगों को भारी
संख्या मं आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम
में मुख्य उद्बोधन और दीक्षा देने के लिए
ईसाई धर्मप्रचारक यानि पादरी रामचन्दर
विश्वकर्मा और उनकी पत्नी विमला को
आमंत्रित किया गया। शनिवार को कार्यक्रम
में धर्म परिवर्तन की जानकारी होने पर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक
लालजी, राजेश मधेशिया व दो अन्य कार्यकर्ता
पहुंच गए। चारों ने धर्म परिवर्तन का
विरोध किया तो पादरी और स्कूल
प्रधानाचार्य के साथ इनका विवाद हो गया।
इसी विवाद में मारपीट होने लगी। मारपीट
में पादरी रामचन्द्र विश्वकर्मा और उसकी
पत्नी समेत छह लोग घायल हो गए।
आरोप
है कि संघ के लोगों ने कार्यक्रम में
हस्तक्षेप कर ईसाई पादरी पर हमला किया।
जबकि आरएसएस के लोगों का कहना है कि वे
मामले की जानकारी लेने गए थे वहां मौजूद
लोगों ने उनपर हमला कर दिया। घटना की
जानकीर होने पर पुलिस ने आरएसएस के जिला
प्रचारक लालजी समेत चार लोगों गो गिरफ्तार
कर लिया। पादरी और स्कूल प्रधानाचार्य आखो
पूरो ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करायी है।
पुलिस ने 147, 323, 504,506, 427 के तहत
रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जबकि दूसरे पक्ष
ने भी स्कूल में हमला करने व चेन लूट लेने
की रिपोर्ट दर्ज करायी है। हालांकि पुलिस
ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए आरएसएस के
लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी
की खबर मिलने पर भारतीय जनता पार्टी के
जिला अध्यक्ष समेत भारी संख्या में
कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और थाने पर
जमकर हंगामा किया। भाजपा के लोग संघ के
लोगों को बिना शर्त रिहा करने की मागं कर
रहे थे।
उधर
घटना के बारे में पता चला है कि इस
कार्यक्रम का आयोजन उपजिलाधिकारी सदर की
अनुमित से किया गया था। क्षेत्र में चर्चा
है कि छुटकारा जैसे कार्यक्रम की अनुमति
जिला प्रशासन ने कैसे दे दी। जबकि इस तरह
के कार्यक्रमों में पहले भी विवाद हो चुके
हैं। जिला प्रशासन यह भली भांति जानता है
कि चंगई और छुटकारा जैसे कार्यक्रम ईसाई
मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए
आयोजित किये जाते हैं। इन कार्यक्रमों को
करने के लिए स्कूलों का सहारा लिया जाता
है।
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