प्रतापगढ। (उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)
। राज्यपाल राम नाईक गुरूवार को
‘राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ’
द्वारा आयोजित भारतीय ‘नववर्ष
महोत्सव’ में मुख्य अतिथि के रूप
में भाग लेने के लिये प्रतापगढ़ आये।
इस अवसर पर स्थानीय ‘तुलसी सदन’
सभागार में उपस्थित षिक्षक समुदाय
को सम्बोधित करते हुये उन्होंने कहा
कि विविधता में एकता हम सब की
गौरवशाली परम्परा रही है और हर
भारतवासी को इस पर गर्व है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे विशाल देश
की हजारों साल की परम्परा है, हमारे
वेश-भूषा अलग-अलग हो सकती है, भाषा
अलग-अलग हो सकती है, रहन-सहन के
तरीके अलग हो सकते है लेकिन इन सभी
विविधताओं के बीच एक सार्वभौम्य
सत्य है कि हमारे देश की संस्कृति
अनेकता में एकता की है और हम सब एक
है।
डॉ0 राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय
के कुलपति प्रो0 जी0सी0आर0 जायसवाल
ने महामहिम राज्यपाल का स्वागत करते
हुये शिक्षकों का आह्वाहन किया कि
वे अपने संस्थानों में नकल रोकने और
शिक्षा के स्तर क उन्नयन के लिये
सतत् प्रयास करें। विशिष्ट वक्ता के
रूप में उपस्थित डॉ0 शक्ति कुमार
पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा की स्थिति
आज ठीक नही है। जिन महाविद्यालयों
में संसाधन अच्छे है वहां शिक्षक
उपयुक्त नही है जहां शिक्षक है वहां
संसाधनो ंकी कमी है और कुछ विद्यालय
ऐसे है जहां दोनों नहीं हैं। जनपदीय
अध्यक्ष डॉ0 बृजभानु सिंह ने विषय
प्रर्वतन किया। कार्यक्रम संयोजक
सौरभ पाण्डेय ने सभी का स्वागत किया
और अभिनन्दन पत्र भी प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री
प्रभाषंकर पाण्डेय ने किया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर शिक्षा के
क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने
वाले 7 शिक्षकों का सम्मान किया।
प्रारम्भ में द्वीप प्रज्जवलन कर
माँ सरस्वती की प्रतिमा का पूजन कर
राज्यपाल जी ने आज के शुभारम्भ किया
था। राज्यपाल ने इस अवसर पर स्व0
चन्द्रमणि पाण्डेय द्वारा लिखित
कविता संग्रह ‘नमन है’ का विमोचन भी
किया।