लखनऊ,
07 दिसम्बर
2016 (उ.प्र.समाचार सेवा)।
पेंशन की मांग को लेकर विधान सभा घेरने जा
रहे शिक्षकों पर पुलिस ने बर्बर लाठी
चार्ज किया। इससे एक शिक्षक की मौत हो गई
तथा कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
सरकार ने मृतक शिक्षक के परिजनों को पांच
लाख रुपये नकद सहायता और पारिवार के एक
सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है। उधर
लाठी चार्ज के लिए दोषी हजरतगंज के प्रभारी
निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है तथा
तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला
दर्ज किया गया है।
जानकारी के अनुसार
आल टीचर्स एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएसन (एटवा)
के बैनर तले प्रदेश भर के सैकड़ों शिक्षकों
ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर
राजधानी में प्रदर्शन किया था। शिक्षक
विधान सभा घेरने के लिए जा रहे थे। इसी
दौरान शिक्षकों और पुलिस में टकराव हो गया।
दोपहर बाद पुलिस ने शिक्षको पर जमकर लाठियां
बरसा दीं। महिला पुरुष सभी शिक्षकों को
जमकर पीटा गया। उनके सिरों पर सीधे पुलिस
ने लाठियां मारीं। इससे महाराजगंज के
शिक्षक राम आशीष सिंह (40) गंभीर रूप से
घायल हो गए। उनकी हालत बिगड़ गई। शिक्षकों
ने बचाने के लिए काफी प्रयास किये किन्तु
शिक्षक बचाया नहीं जा सका।
शिक्षक की मौत पर
उनके साथियों ने सिविल चिकित्सालय में देरे
रात हंगामा किया। बाद में मुख्य सचिव
राहुल भटनागर ने शिक्षक प्रतिनिधियों से
वार्ता करके आरोपी हजरतगज के इंस्पेक्टर
राजकुमार सिंह को निलंबित कर दिया तथा उनके
खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। इंस्पेक्टर
समेत तीन अन्य पुलिसकर्मियों को नामजद किया
गया है।
शिक्षक के परिजनों
को पांच लाख की सहायता
मुख्य सचिव राहुल
भटनागर ने रात में ही शिक्षक के परिजनों
को पांच लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा
कर दी। इसके साथ शिक्षक के परिवार को एक
सदस्य को सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाएगी।