मै
२४ मार्च से कुछ प्रयोग कर रहा हु , अन्न नहीं ले रहा
हु , केवल सहद चल रहा है , अब buttermilk । लेकिन
रोज मै सोचता था कैसे लोग भूखे रहते होंगे। फिर कितने
करोड़ लोग , कितने दिन -रात ऐसे ही मजबूरन भूखे
दूसरीं तरफ हमारे प्रधानमंत्री चुप - करोड़े रुपये
कुछ लोग ही लुट गए ,
बहोत दुःख होता है। कैसे ये पैसा गरीबो के काम लगेगा
?
सोचता हु पागल की तरह हमें पीछे पड़ना पड़ेगा तब कुछ
होगा , सभी को थोडा टाइम इस काम के लिए निकालना पड़ेगा
,
ये भष्ट्र लोग वैसे डरपोक होते है , हम थोडा जोर
लगायेंगे , तो कुछ होगा जरुर
लेकिन अब केवल सरकार या पार्टी बदलनेसे नहीं होगा ,
कुछ व्यवस्थाये systemic changes करने होंगे।
लोकपाल बिल मदद करेगा लेकिन पूरी नहीं ,
अब जागो ... चलो ... टाइम खत्म .......