Lucknow
City,
18 April 2012, UP NEWS SERVICE LIVE लखनऊ
सिटी, 18 अप्रैल।
India Government मुसलमानों के लिए
marriage registration को mendatory
नहीं कर पाएगी। इस बात के संकेत मिलने शुरु
हो गए हैं। भारत सरकार के प्रस्तावित
कानून के मुताबिक विवाह पंजीकरण अनियार्य
किया जाएगा। इसमें सभी धर्मों के विवाह
पंजीयन अनिवार्य होंगे। लेकिन, मुस्लिम
नेता और धर्मगुरु इस कानून के खिलाफ हैं।
वे इसे धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप
मानते हैं।
Times
of India के लखनऊ संस्करण में प्रकाशित
विशेष संवाददाता Manjari Mishra की
report के मुताबिक मुसलमानों की सबसे बड़ी
संस्था आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला
बोर्ड All India Muslim Personal
Law Board (AIMPLB) विवाह पंजीगरण की
अनिवार्यता का विरोध करेगी। रिपोर्ट के
अनुसार बोर्ड के एक सदस्य Zafaryab Jilani
ने बता दिया है कि हम मुस्लिम विवाह
पंजीकरण के मामले पर भारत सरकार को पहले
ही अपना विरोध व्यक्त कर चुके हैं। बोर्ड
ने इस मामले पर एक समिति बनाकर देश भर में
सर्वे कराया था। इसके बाद अपने निर्णय से
बोर्ड ने तत्कालीन कानून मंत्री वीरप्पा
मोइली को अवगत करा दिया गया था।
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