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खाली खजाने से सपा कैसे पूरे करेगी चुनावी
वादे |
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घोषणापत्र के वादे पूरे करने के लिए चाहिए
66 हजार करोड़ |
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Tags: U.P.Samajvadi Party |
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Publised on :
06 March 2012, Time: 17:04
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-मनीष
श्रीवास्तव-
लखनऊ, 06 मार्च। (उ.प्र.समाचार सेवा)।Lucknow,
06 March 2012,
(U.P.S.S).
उत्तर
प्रदेश में अब साफ हो चुका है कि समाजवादी
पार्टी सरकार बनाने जा रही है और कल वह
सरकार बनाने का दावा भी करने जा रही हैं।
इसी के साथ अब लोगों के मन यह बात भी उठने
लगी है क्या समाजवादी पार्टी जनता से किए
गए वादों को पूरा करेगी क्या होगा उन वादों
का या फिर यही कहा जाएगा कि वादे हैं वादों
का क्या? सपा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश
यादव ने चुनाव में जीतने के बाद अपने पहले
औपचारिक पत्रकार वार्ता में हालांकि इस
बात को बड़े ही जोरदार ढंग से कहा कि घोषणा
पत्र में कही गई सारी बातों को पूरा करने
का पूरा प्रयास किया जाएगा लेकिन वो इस
बात को टाल गए कि आखिर वो इन वादो को कैसे
पूरा कर पाएगें।
समाजवाइदी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में
जिन वादों को पूरा करने का दावा किया उसके
लिए लगभग 66 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता
होगी जबकि उन्ही के पार्टी के हवाले से कहा
गया है कि फिलहाल खजाना खाली पड़ा है और
प्रदेश का राजकोषीय घाटा करीब 19 हजार
करोड़ का है। जैसा कि मायावती के शासन के
दौरान ही इस बात का जिक्र किया गया था कि
राज्य की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमराई
हुई है तो फिर मुलायम सिंह यादव ऐसी खस्ता
हाल अर्थव्यस्था से कैसे पार पाएगें उनकी
घोषणा पत्र में इसका भी कोई जिक्र नहीं
किया गया है। ऐसी परिस्थितियों में क्या
करेगें मुलायम सिंह यादव यदि वो कर्ज लेते
हैं तो पहले ही लडख़ड़ाई प्रदेश की
अर्थव्यवस्था पर करीब 66 हजार करोड़ का
अतिरिक्त भार लादेगें क्या ये रिस्क लेगें।
बताते चलें कि मुलायम सिंह ने सरकार में
आने के बाद किसानों से वादा किया है कि
अनाज के समर्थन मूल्य में 50 प्रतिशत की
बढऱोत्तरी करेगें इसका मतलब यह है कि फसलों
के समर्थन मूल्य में लगभग एक हजार रुपए का
इजाफा करना होगा और इसके लिए सरकार को
करीब 6 हजार करोड़ रुपए हर साल खर्च करने
होगें। क्योंकि सरकार ने इस साल 39 लाख टन
गेहूं और 24 लाख टन चावल खरीदने की योजना
बनाई है। इसी के साथ मुलायत सिंह यादव ने
किसानों के 50 हजार तक के कर्ज को माफ करने
का भी वादा किया है इसके लिए उन्हे 11
हजार करोड़ रुपए कहां से आएगें। बुनकरों
और किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा
अगर मुलायम सरकार निभाती है तो भी उसे हर
साल करीब 17 सौ करोड़ की आवश्यकता होगी।
इसके पहले पावर कारपोरेशन को कृषि क्षेत्र
के विकास के लिए 1532 करोड़ रुपए मिले हैं
यदि मुलायम सरकार अपना मुफ्त बिजली देने
का वादा निभाती है तो पावर कारपोरेशन को
इस बजट से हाथ धोना पड़ेगा जबकि हथकरघा
उद्योग से पावर कारपोरेशन को जारी 119
करोड़ से भी हाथ धोना पड़ेगा।
इसी प्रकार फसलों की सिंचाई के लिए पानी
का 70 से ज्यादा प्रमिशत जिनी बोरिंग से
आता है जबकि बचे हुए हिस्से को नहरों और
सरकारी ट्वेल से पूरा किया जाता है। अपने
इस कार्य को पूरा करने के लिए उत्तर
प्रदेश सरकार को वर्ष 2010-2011 सिंचाई से
589 करोड़ रुपये मिला था। अगर इसे माफ किया
जाता है तो इसका मतलब होगा नई सरकार को हर
साल 589 करोड़ रुपये से हाथ धोना पड़ेगा।
जहां तक युवाओं को लैपटॉप और हाईस्कूल पास
को टैबलेट देने की बात है तो वर्ष 2011
में 23 लाख छात्रों ने हाईस्कूल पास किया
था और 16 लाख छात्रों ने इंटरमीडिएट की
परीक्षा उत्तीर्ण की थी। अगर लैपटॉप की
कीमत 10 हजार रुपये प्रति लैपटॉप और
टैबलेट की कीमत 1 हजार रुपये भी रखी जाए
तो 1819 करोड़ रुपये छात्रों को हर साल
लैपटॉप और टैबलेट देने पर खर्च करने
पड़ेंगे। और बेरोजगारी भत्ता देने का वादा
किया गया है जिसमें बेरोजगारों हर माह
1000 रुपए देने का वादा किया गया है जिसमें
35 साल तक के बेरोजगारों को शामिल किया गया
है तथा इस समा को बढ़ाने के भी वादे किए
गए हैं तो ऐसे में सरकार को करीब 1000
करोड़ रुपए खर्च करने होगें।
इसके अलावा ऐसे और भी वादे हैं जिसमें
लगभग 800 करोड़ का अतिरिक्त खर्च आएगा। ऐसे
में बदहाल हो चुकी उत्तर प्रदेश की
अर्थव्यवस्था में कैसे अपने वादों को पूरा
करेगी नई सरकार। जहां तक सपा के नेताओं का
सवाल है तो वे बड़े ही साफगोई से कहते हैं
कि हमे सभी परिस्थितियों का भान है और जैसा
कि अखिलेश यादव ने कहा भी है कि वादों को
पूरा किया जाएगा। पार्टी के एक नेता ने कहा
कि सपा मूर्तियों में पैसे नहीं बरबाद
करेगी उतने में ही हमारे सारे वादे पूरे
हो जाएगें लेकिन उन्होने ये नहीं बताया कि
आखिर वो कौन सा मंत्र है जिससे घोषणा पत्र
में किए गए वादे पूरे हो जाएगें।
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source: U.P.Samachar Sewa |
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