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Fatehpur, (U.P.Web News
Service)
,फतेहपुर, (उप्रससे)।
जिले के खागा थाना
क्षेत्र के खैरई गांव में मामा की शादी
में शामिल होने ननिहाल आये चार वर्षीय
मासूम को आम तोड़ने के मामूली विवाद मे
सशस्त्र हमलावरो ने घर में धावा बोलकर गोली
मार दी। घायलावस्था में परिजन उसे अस्पताल
ले गये। जहां चिकित्सको ने उसे मृत घोषित
कर दिया।
पुलिस के अनुसार किशनपुर थाना क्षेत्र के
निहालपुर गांव निवासी राजेन्द्र यादव का
चार वर्षीय पुत्र शिवम् अपने ननिहाल खैरई
गांव कंधई यादव के घर आया था। शिवम् के
मामा की बारात विगत् सत्ताइस अप्रैल को
थी। आज सुबह विवाह समारोह में आये बच्चे
गांव के बाहर आम के पेड़ में आम तोड़ने गये
थे। इसी बात को लेकर पेड़ के मालिक के बच्चो
और उक्त बच्चो में विवाद हो गया। बच्चे
अपने घर जब आ गये तो कंधई यादव अपनी बहू
की चैथी लेने अपने रिश्तेदारो के साथ लड़की
की ससुराल जा रहे थे। जब वह कुछ ही दूर
गांव से पहुंचे होंगे तभी गांव के पांच
सशस्त्र हमलावर आम तोड़ने के विवाद को लेकर
घर मे धावा बोल दिया। घर में जब कोई भी
व्यक्ति नही दिखा और चार वर्षीय मासूम
शिवम् ही सामने आ गया तो हमलावरो ने बंदूक
से उस मासूम पर फायर कर दिया।
गोलियों की आवाज सुनते ही गांव में कोहराम
मच गया। रास्ते से लौटकर शिवम् के नाना
कंधई यादव घायल अवस्था में उसे हरदो स्थित
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गये। जहां
चिकित्सको ने उक्त मासूम को मृत घोषित कर
दिया। खागा पुलिस ने दी गयी तहरीर के आधार
पर गांव के ही पांच लोगो के विरूद्ध
रिपोर्ट दर्ज कर शव को विच्छेदन गृह भेजा
है। वहीं हमलावरो की गिरतारी के लिए दबिश
देनी शुरू कर दिया है। उक्त हृदय विदारक
घटना को लेकर गांव में भारी तादाद में
पीएसी और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
इस घटना को लेकर क्षेत्र मे तनाव व्याप्त
है। पुलिस क्षेत्राधिकारी खागा सूर्यकांत
त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस बल पूरी
घटना पर नजर गड़ाये हुए है।
अबोध की
हत्या करते वक्त नही कांपे हांथ
खागा (फतेहपुर), 29 अप्रैल। खागा तहसील का
खैरई गांव हरदम नये-नये विवादों से
सुर्खियो मे जहां बना रहता है। वहीं
राजनीति कद-कांठी की पहुंच वाले गांव में
एक से बढकर एक है। चिर प्रतिद्वंदी
एक-दूसरे को पटकनी देने के लिए हमेशा आतुर
रहते है। उसी का नतीजा निकला कि काफी समय
से शांत रहा खैरई आज फिर पुनः कोहराम और
मातम में तब्दील हो गया। मासूम शिवा उर्फ
शिवम् की हत्या से जहां चारों ओर कोहराम
मच गया। वहीं गांव की गलियों में सन्नाटा
पसर गया। अबोध मासूम से हुई हत्या की
शुरूआत कहां तक पहुंचेगी यह समय के गर्त
में छिपा है। पुलिस गांव की संवेदनशीलता
एवं राजनीतिक कद-कांठी को देखते हुए
चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए है।
प्रदेश की बसपा सरकार के दौरान खैरई गांव
को पूर्व बसपा विधायक मुरलीधर गौतम
एडवोकेट की विशेष नजर इस गांव पर रहती थी।
या यूं कहे कि पूर्व विधायक मुरलीधर गौतम
की विधानसभा में राजनीति कद-कांठी यहीं से
संचालित की जाती थी। विकास के नाम पर
ग्राम खैरई में वैसा तो कुछ नही है, लेकिन
आपसी रंजिश एवं एक-दूसरे को पटकनी देने के
लिए लोग हमेशा यहां पर आतुर दिखायी देते
है। खैरई के ही मजरे पचीसा नटो का डेरा
है। जहां से तरह-तरह के आपराधिक पौध उपजती
रहती है। भैंस चोरी, डकैती, छिनैती सहित
जघन्य अपराधों में यहां के नटों की
संलिप्तता जग जाहिर है। वहीं इन नटों को
संरक्षण देने के लिए गांव के ही कद्दावर
प्रधानी चुनाव को हथियाने के लिए अपनी
विशेष कृपा इन नटों पर बरसाते रहते है।
रविवार को दोपहर हुई मासूम शिवम् की हत्या
से एक बार फिर खैरई गांव में बदले की भावना
की चिंगारी फूटने की पूरी संभावना है।
मामूली अमिया बिनने के विवाद में हुए बच्चो
के संघर्ष ने इतना तूल पकड़ा कि शिवम् को
अपनी जान से हांथ धोना पड़ा। चार वर्षीय
अबोध बालक शिवम् अपने मामा के विवाह में
शामिल होेने कंधई यादव नाना के यहां अपने
ननिहाल आया था। आम बिनने को लेकर शिवम्
अपने नन्हे-मुन्हे साथियो के साथ अमिया
बिनने गया था। वहीं पेड़ मालिक के बच्चो एवं
शिवम् से अमिया बिनने को लेकर हुई तू-तू,
मै-मै ने बड़ा रूप ले लिया। लगभग चार-पांच
वर्षीय बालको के बीच की हुये विवाद ने इतना
बड़ा रूप ले लिया कि दूसरे गुट ने अपने
वर्चस्व को लेकर शिवम् को गोलियो से छलनी
कर दिया। जिसको अस्पताल ले जाते समय उसकी
दर्दनाक मौत हो गयी।
अब प्रश्न यह उठता
है कि मामूली अमिया बिनने को लेकर हुआ यह
विवाद मानवीय मूल्यों को तार-तार कर दिया
और मासूम के ऊपर गोलियां चलाने के दौरान
दूसरे गुट के लोगो के हांथ भी नही कांपे
कि हम इस नन्हे से बालक की जान लेकर हमको
क्या मिलेगा। वर्चस्व के आगे नन्हा-मुन्हा
या बड़ा सब एक समान दिखायी देता है। मासूम
की हत्या से समूचे गांव में कोहराम मच गया।
वहीं गलियो में पसरे सन्नाटे से गांव की
खुशहाली एवं रौनक गायब हो गयी। बड़ी संख्या
में पुलिस बल एवं पीएसी के जवानो ने गांव
में पहुंचकर स्थिति को अपने कब्जे मे ले
लिया और संदिग्धो की तलाश में जुटी है।
हत्या में नामजद गुड्डू, राजेन्द्र,
महेन्द्र, मोनू को पुलिस सरगर्मी से तलाश
कर रही है। इस मासूम की हत्या के पीछे
पुलिस को आशंका है कि बदले की भावना से
खैरई गांव में हत्याओं का दौर फिर से शुरू
हो सकता है।
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