कोरोना जांच मशीन तो आ गयी पर ऑपरेट करने में आ रही दिक्कत
सीतापुर , 10 जून 2020
( U.P.Samachar Sewa) > जिला अस्पताल में आपाता काल के समय कोरोना की जांच करने वाली मशीन तो लग गयी। इंजीनियर आकर आपरेट करना सिखा गये लेकिन इसके बाद भी यहां मशीन को आपरेट करने में दिक्कत आ रही है। अगर सीतापुर के अस्पताल में जांच की भी गयी तो शुरूआती दौर की जांच पर भरोसा भी नही किया जा सकता है।
गौर तलब हो कि इमरजेंसी में कोरोना सैंपलों की जांच के लिए जिला अस्पताल में भले ही मशीन लगा दी गई हो, लेकिन अफसरों को अभी इसकी रिपोर्ट पर पूरा भरोसा नहीं है। ट्रूनेट मशीन की रिपोर्ट को प्रामाणिकता की कसौटी पर खरा आंकने के लिए स्वास्थ्य महकमा लखनऊ
लैब की रिपोर्ट से मिलान कराने के बाद ही आखिरी मुहर लगाएगा।इमरजेंसी में गंभीर मरीजों के ऑपरेशन करने के लिए कोरोना की जांच कराना जरूरी है। अभी लखनऊ से ही कोरोना की जांच हो रही है, इससे इमरजेंसी केसों को लेकर समस्याएं आ रही थी। मरीजों की सहूलियत के लिए छह मई को जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग
में संचालित पैथालॉजी में लखनऊ से आई ट्रूनेट मशीन स्थापित कराई गई है। शनिवार को ही लखनऊ से पहुंचे इंजीनियरों ने मशीन का ट्रायल कर लैब टेक्नीशियन और पैथालॉजिस्ट को मशीन चलाने की ट्रेनिंग भी दी, लेकिन अब मामले को लेकर नया पेंच फंस गया है। कोरोना जांच करने वाली इस मशीन की रिपोर्ट भरोसे के
काबिल नहीं है। अफसरों को अभी इसकी रिपोर्ट पर संशय है।जानकारों की मानें तो मशीन को ऑपरेट करने वाले कर्मचारी सही काम कर रहे हैं और रिपोर्ट सही आ रही है, इस हकीकत का पता लगाने के लिए अभी शुरुआती दौर में सैंपल लखनऊ की लैब यानि सीडीआरआई (सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट) में भी भेजा जाएगा।
इसके बाद जिला अस्पताल और लखनऊ लैब की रिपोर्ट आने के बाद दोनों का मिलान होगा। अगर दोनों रिपोर्ट एक जैसी आती है, तब ट्रूनेट मशीन की रिपोर्ट को सही मानकर अफसर उस पर अंतिम मुहर लगाएंगे, फिर उसी आधार पर मरीज का इलाज और कार्रवाई होगी।जानकार बताते हैं कि जिला अस्पताल में इमरजेंसी सैंपलों की
जो भी जांचें यहां स्थापित ट्रूनेट मशीन में होंगी, उसी मरीज का एक सैंपल लखनऊ लैब सीडीआरआई को जाएगा, फिर जिला अस्पताल और लखनऊ की रिपोर्ट मंगाकर देखा जाएगा। जानकार बताते हैं कि अगर दोनों रिपोर्ट एक जैसी आती हैं तो ट्रूनेट मशीन की रिपोर्ट पक्की मानी जाएगी। ऐसा कई दिनों तक होगा। अगर दोनों
रिपोर्ट एक-दूसरे से मेल खाती हैं तो जिला अस्पताल की रिपोर्ट के सही मानकर स्वास्थ्य विभाग ट्रॉयल सफल मानेगा।जिला अस्पताल में होने वाली कोरोना जांच में एक ही सैंपल में यहां की रिपोर्ट पॉजिटिव, लखनऊ की निगेटिव, लखनऊ की पॉजिटिव, जिला अस्पताल की निगेटिव आती है तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य
विभाग एक्सपर्ट का सहारा लेकर ये पता लगाएगा कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? कहां से समस्या हो रही है ? उसके समाधान का रास्ता निकाला जाएगा।डॉ. अनिल अग्रवाल, सीएमएस जिला अस्पताल ने बताया कि लखनऊ से आए इंजीनियर मशीन का ट्रायल कर कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर तो चले गए हैं, लेकिन अब कर्मियों को
मशीन को ऑपरेट करने में समस्याएं आ रही हैं। इसके लिए कॉल, वीडियो कॉल कर इंजीनियरों से जिला अस्पताल के कर्मचारी मदद ले रहे हैं।ट्रूनेट मशीन का अभी ट्रायल करवा रहे हैं। मशीन को चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। समझने में कुछ समय लगेगा। मशीन सही रिपोर्ट दे रही है, इसके लिए जिस मरीज के सैंपल की
जांच यहां होगी, उसी का सैंपल जांच के लिए अभी शुरुआत में लखनऊ भेजेंगे। दोनों रिपोर्ट आने के बाद उनका मिलान होगा।
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