24 घण्टों के दौरान सीतापुर में बने दो हाटस्पाट
सीतापुर , 13 जून 2020
( U.P.Samachar Sewa) > जमातियों के बाद अब प्रवासी मजदूर सीतापुर मे कोरोना लेकर आ रहे है। पिछले 24 घण्टो के दौरान सीतापुर के हरगांव व शहरी इलाके में एक-एक कोरोना मरीज पाया गया। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए हरगांव वार्ड व मिरदही को टोला को सील कर दिया गया है । अब इन दोनो क्षेत्रो में
कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार ही कार्यवाही की जायेगी। सीतापुर में कोरेाना के मरीज नही थे लेकिन सीतापुर की मस्जिदों में जमाती आकर छिप गये। जमाती कोरोना से पीड़ित थे । जब जमाती बाहर निकाले गये तो तमाम जमातियों में कोरोना पाया गया। उसके बाद उन लोगों में भी कोरोना पाया गया जो लोग जमातियों की
सेवा करते थे। डीएम व कप्तान ने भागीरथ प्रयास करके सीतापुर को कोरोना से मुक्त करवा दिया था और सीतापुर रेड से ओरेन्ज और ओरेन्ज से ग्रीन जोन में आने वाला था। तभी प्रवासी मजदूर अपने अपने घर लौटने लगे और सीतापुर में जब प्रवासी मजदूर अपने घर आये तो रेउसा, बिसवां में प्रवासी मजूदर कोरोना
पीड़िता पाये गये। इस तरह से एक -एक करके सीतापुर में कोरोना पीडितो की संख्या पचास के करीब पंहुचने को बेताब होने लगी। विगत दिवस हरगांव तीर्थ वार्ड में एक कोरोना से पीड़ित व्यक्ति पाया गया। प्रशासन मौके पर पहॅुचा और हरगांव वार्ड को सील कर दिया। इसके बाद विगत सुबह शहर के मिरदही टोला में एक
महिला कोरोना से पीड़ित पायी गयी। यह महिला अभी हाल ही में दिल्ली से अपने घर आयी थी। उसके साथ उसके बच्चे व पति भी था। महिला के कोरोना पाजिटिव आते ही मिरदही टोला केा भी सील कर दिया गया है। अब प्रशासन इस बात का पता लगा रहा है कि इन दोनो लोगों के सम्पर्क के कौन-कौन से लोग आये है। उन लोगों की
भी जांच होगी। इसके अलावा दोनो मरीजों के परिजनो को क्वारंटीन पर भेज दिया गया है। इस तरह से सीतापुर के कोरोना पीड़ितो की संख्या पैतालिस हो गयी है लेकिन सक्रिय केस चार ही होने बताये जा रहे है। डीएम व कप्तान की सक्रियता से सीतापुर में कोरोना अपना ताण्डव नही कर पा रहा है क्येाकि सीतापुर के
अधिकारी कोरोना प्रोटोकाल व शासन के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करते हुए अपनी डियूटी को अहमियत दे रहे है।
आत्म निर्भर भारत योजना के अन्तर्गत प्रवासियों को मिलेगा निःशुल्क राशन-जिलाधिकारी
सीतापुर(उ0प्र0 समाचार सेवा)। जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने बताया कि आत्म निर्भर भारत योजना के अन्तर्गत प्रवासियों अवरूद्ध प्रवासियों को 05 किग्रा खाद्यान्न तथा प्रति कार्ड 01 किग्रा चना निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा, इस योजनान्तर्गत चिन्हॉकन के समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आवेदक प्रवासी
अवरूद्ध प्रवासी हो और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत आच्छादित न हो। भारत सरकार के निर्णय का मूल उद्देश्य प्रवासियों अवरूद्ध प्रवासी श्रमिकों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है। ऐसे प्रवासियों अवरूद्ध प्रवासियों को आत्म निर्भर भारत योजना में आच्छादित किया
जायेगा, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में आच्छादित न हों तथा किसी राज्यध्केन्द्रशासित प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत राशन कार्ड जारी न होने के कारण उन्हें वर्तमान में खाद्यान्न की सुविधा न प्राप्त हो रही हो। उन्होंने समस्त क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षकों को निर्देशित
किया है कि वह अपने क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक उचित दर की दुकान पर तैनात नोडल अधिकारियों को प्राप्त प्रवासियोंध्अवरूद्ध प्रवासी श्रमिकों की सूची एवं आत्म निर्भर भारत योजना में चिन्हॉकन हेतु सर्वे प्रपत्र की प्रतियाँ तत्काल उपलब्ध करा दें। नोडल अधिकारी सम्बंधित ग्राम पंचायत में छूटे हुए
पात्र प्रवासियों अवरूद्ध प्रवासियों का पात्रता के आधार पर सर्वे फार्म भरवाना सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी श्री तिवारी ने बताया कि नगरीय क्षेत्रों में वितरण हेतु नगर निकाय कर्मियों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण हेतु विकास कर्मियोंध्ऑगनवाड़ी कार्यकत्रियोंध्पंचायत मित्रों आदि का वितरण
हेतु नोडल अधिकारी नामित गया है। तत्क्रम में समस्त अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषदध्नगर पंचायत, जनपद सीतापुर एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारी जनपद सीतापुर को निर्देशित किया हैं कि वह अपने अधीनस्थ कर्मियों से उक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करें तथा सम्बंधित नोडल अधिकारियों
से दर्ज उक्त विवरण सहित सूची एवं सर्वे फार्म संकलित करके सम्बंधित तहसील की क्षेत्रीय निरीक्षकध्आपूर्ति कार्यालय में तीन दिवस में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षकों को निर्देशित किया हैं कि वह छूटे हुए प्रवासियोंध्अवरूद्ध प्रवासियों की तत्काल अस्थाई
राशन कार्ड आई0डी0 जनरेट कराकर शासनादेशानुसार वितरण कराना सुनिश्चित करेंगे तथा सूची में प्राप्त विवरण को विभागीय वेब साइट में दर्ज करेंगे। उन्होंने निर्देशित किया है कि प्रत्येक प्रवासीध्अवरूद्ध प्रवासी को भारत सरकार द्वारा निर्धारित अर्हता को पूर्ण करते हों, उन्हें आत्म निर्भर भारत
योजना के अन्तर्गत प्रत्येक दशा में आच्छादित कर लिया जाये और जिन्हें आत्म निर्भर भारत योजना में सम्मिलित न किया जा सके, उनके सम्बंध में कारणध्स्थिति स्पष्ट रहे।
अभिभावकों के खाते में जायेगा मध्यान भेाजना का पैसा- अजीत कुमार
सीतापुर(उ0प्र0 समाचार सेवा)। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि अपर मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन के पत्रांक दिनांक 02.06.2020 एवं जिलाधिकारी के पत्रांक दिनांक 06.06.2020 के द्वारा निर्देशित किया गया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग के
अतिमहत्वपूर्ण कार्यों के निस्तारण हेतु भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग सम्बन्धी जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करते हुए जून के द्वितीय एवं तृतीय सप्ताह में प्रधानाध्यापकों शक्षकों (सहायक अध्यापकों शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों) से कार्यों को कराये जाने हेतु
ब्लाक स्तर पर रोस्टर लगाते हुए, इन कार्यों को पूर्ण कराने हेतु आवश्यतानुसार विद्यालयों में भी उपस्थित होंने हेतु निर्देशित किया गया है। खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा रोस्टर इस प्रकार जारी होना है कि प्रत्येक दिन सुबह की पाली में 5 प्रधानाध्यापक एवं दोपहर की पाली में 5 प्रधानाध्यापक
ब्लाक स्तर पर उपस्थित होकर कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
कोरोना को देखते हुए महिला अस्पताल में आशा बहुओ के प्रवेश पर लगी पाबन्दी
सीतापुर(उ0प्र0 समाचार सेवा)। कोरोना के खतरे को देखते हुए जिला महिला अस्पताल में आशाबहुओं के प्रवेश पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। आशा बहुए अब प्रसूता को केवल अस्पताल तक पहंुचाकर तत्काल वापस होगी। गौरतलब हो कि प्रसव के लिए प्रसूताओं के साथ आने वाली आशा बहुओं से सीएमएस को डफरिन में
कोरोना वायरस फैलने का खतरा सता रहा है। खतरे की आशंका को भांपते हुए महिला अस्पताल प्रशासन ने आशा बहुओं की अस्पताल में एंट्री पर रोक लगा दी है। मरीज के साथ आने वाली आशा के नाम की पर्ची गेट पर लेकर उन्हें वापस कर दिया जा रहा है। शहर से लेकर जिले के ग्रामीण इलाकों की आशा बहुएं अपने गांव,
क्षेत्र की प्रसूताओं को डिलीवरी होने के समय जिला महिला अस्पताल लेकर आती हैं। सरकार इसका पैसा आशा बहुओं को देती है। अस्पताल आने के बाद आशा का नाम सीएमओ दफ्तर भेजा जाता है, वहीं से भुगतान होता है। डफरिन में इन दिनों 25 से 30 डिलीवरी हो रही हैं। अधिक प्रसूताओं के साथ आशा बहुएं आती थीं,
लेकिन अब इस पर जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. सुषमा कर्णवाल ने रोक लगा दी है।सीएमएस ने आदेश जारी कर दिया है कि कोरोना काल में फिलहाल अभी डिलीवरी के लिए प्रसूताओं को लेकर आने वाली किसी भी आशा को अस्पताल में प्रवेश न मिले। आशा बहुओं के डफरिन में प्रवेश जारी रखने से कोरोना संक्रमण फैलने
का खतरा सीएमएस को लग रहा है, इसी के मद्देनजर उन्होंने ये फैसला लिया है। आशा बहुओं की एंट्री पर बैन लगने के बाद अब अस्पताल गेट पर पहुंचते ही यहां मौजूद गार्ड सीएमएस के आदेश का पालन करते हुए मरीज को अंदर ले लेते हैं, जबकि आशा को बाहर से ही चलता कर दिया जाता है। हां, आशा के नाम की पर्ची
गार्ड लेकर अस्पताल के जिम्मेदारों को दे देता है। आशा के नाम का वाउचर भर दिया जाता है। इसके बाद उन्हें पैसे मिल जाते हैं। जिला महिला अस्पताल की सीएमएस के इस फरमान के बाद आशा बहुओं में आक्रोश पनप रहा है। दबी जुबान से आशा सीएमएस के खिलाफ एकजुट होने की बात कह रही हैं, लेकिन अब देखना ये होगा
कि सीएमएस इस आदेश को वापस लेती हैं या फिर अपने फैसले पर कायम रहेंगी। भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो महिला अस्पताल में एंट्री न मिलने से नाराज आशा बहुएं सीएमएस की अंदर की बातें बाहर सार्वजनिक कर रही हैं। अस्पताल के अंदर होने वाले खेल को भी आशा बाहर उजागर कर रही हैं, इससे जिला महिला
अस्पताल की सीएमएस से लेकर अन्य जिम्मेदारों की किरकिरी भी हो रही है। डफरिन की सीएमएस डॉ. सुषमा कर्णवाल और आशा बहुओं के बीच का ये मामला कोई पहला नहीं है, इससे पहले भी कई बार सीएमएस और आशा बहुओं की ठन चुकी है।
मिश्रिख पुलिस की अपराध छिपाऊ नीति का परिणाम, इलाके में बढ़ी चोरियां
मिश्रित-सीतापुर(उ0प्र0 समाचार सेवा)। कोरोना संक्रमण को लेकर चल रही लॉकडाउन व्यवस्था में आम आदमी जहां अधिकांशत या अपने घरों में ही कैद है वही पुलिस की दूषित और अपराध छिपाऊ नीतियों के चलते क्षेत्र में चोरियों की बाढ़ सी आ कर रह गई है विडंबनाओ के चलते तहरीर मिलने के बावजूद भी पुलिस घटनाओं
का पंजीकरण करना मुनासिब नहीं समझ रही है जिससे लोगों में आक्रोश के स्वर मुखर होने लगे हैं ।प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली के ग्राम किशनपुर निवासी भानु प्रताप मौर्य पुत्र सोबरन लाल के घर में नकब लगाकर अज्ञात चोरों द्वारा बीते 9 जून की रात गन्ना बेच कर रखी गई 40000 रू की नगदी सहित
पुत्री के विवाह में देने के लिए खरीदे गए सोने चांदी के जेवरात के अलावा गृह स्वामी की पत्नी के भी जेवरात कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपए की संपत्ति पर हाथ साफ कर दिया था पीड़ित ग्रह स्वामी द्वारा दी गई तहरीर पर पुलिस ने अपराध का पंजीकरण नहीं किया मामला मीडिया की सुर्खियों में भी आया लेकिन फिर भी
रिपोर्ट दर्ज करने की दिशा में पुलिस के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है। इसी तरह उक्त घटना के पहले एक ध् दो जून की रात मिश्रित कुतुबनगर मार्ग पर ग्राम भिखनापुर के निकट स्थित ब्रह्मदेव नामक धर्म कांटा की खिड़की तोड़कर अज्ञात चोर एक बड़ा बैटरा काटा डिस्प्ले मशीन और कंट्रोलर कीमत लगभग 25000 रू
चुरा ले गए थे पीड़ित तौल लिपिक द्वारा तहरीर दिए जाने के बावजूद भी मामले का पंजीकरण न करके पुलिस ने उसे समूचा हजम कर लिया इतना ही नहीं इसी मार्ग पर धर्म कांटा के समीप स्थित ब्रह्मदेव स्थान पर पीपल के वृक्ष में मनौतियां पूरी होने के कारण श्रद्धालुओं द्वारा टांगे गए पीतल के लगभग 200 घंटे
भी अज्ञात चोर 31 मई की रात चोरी से खोले गए थे विडम्बनाओं के चलते पुलिस ने हजारों रुपए कीमत के घंटा चोरी हो जाने के इस मामले का भी पंजीकरण करना मुनासिब नहीं समझा है इन घटनाओं के पहले भी क्षेत्र में कई भारी-भरकम चोरियों की घटनाएं घटित हो चुकी हैं जिनका खुलासा अभी तक अधर में ही लटका हुआ
है इस तरह से पुलिस की मनमर्जी के आगे सारे नियम कानून और कायदे फेल है अपराधियों के बुलंद हौसलों के चलते जनता त्राहिमाम कर रही है जिसकी तरफ प्रदेश शासन और पुलिस मुखिया को गंभीरता से पहल करने की आवश्यकता है। |