सीतापुर 20 जून 2020
( उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)> निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की एकल चरण जांच हेतु शासन द्वारा कार्यालय ज्ञाप संख्या-939/पाँच-5-2020. दिनांक 23.04.2020 द्वारा अधिकतम धनराशि निर्धारित किये जाने के संबंध जानकारी देते हुए जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी
ने बताया कि निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की एकल चरण जांच हेतु अधिकतम धनराशि रू0 2500 (दो हजार पांच सौ मात्र) निर्धारित की जाती है। निजी प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता आडिट हेतु मांगे जाने पर नमूनों को चिकित्सा महाविद्यालय की रेफरल प्रयोगशाला हेतु
उपलब्ध कराना होगा। परीक्षण के पश्चात् आई०सी०एम०आर० के पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज करने के अतिरिक्त संबंधित जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी एवं स्टेट सर्विलान्स अधिकारी को रिपोर्ट की एक प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। निजी प्रयोगशालाओं द्वारा उक्त जांच हेतु रू0 2500- से अधिक
धनराशि लिया जाना एवं अन्य उल्लिखित प्राविधानों का अनुपालन न करना एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 (यथा संशोधित) एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली-2020 के संगत प्राविधानों का उल्लंघन माना जाएगा। त्पश्चात स्पष्टीकरण आदेश संख्या-967ध्पांच-5-2020, दिनांक 26.04.2020 द्वारा
यह स्पष्ट किया गया है कि अधिकतम धनराशि रू. 2500ध्- की व्यवस्था केवल ऐसे रोगियों की कोविड-19 जांच हेतु निर्धारित की गयी है, जो राज्य सरकार के विहित प्राधिकारी द्वारा निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं को सन्दर्भित किये जाएंगे। तत्क्रम में सम्यक विचारोपरान्त एतद्वारा निजी
क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना वायरस के संकमण की एकल चरण जांच हेतु अधिकतम धनराशि निम्नवत निर्धारित की जाती है-निजी क्षेत्र की प्रयोगशाला द्वारा कोरोना संक्रमण की एकल चरण जांच हेतु शासन द्वारा अधिकतम धनराशि निर्धारित की गयी है। सरकारी या निजी चिकित्सालयों द्वारा
निजी प्रयोगशालाओं को प्रेषित सैम्पल की दर रू0 2000 एवं निजी प्रयोगशाला द्वारा स्वयं एकत्र किये गये सैम्पल की दर 2500 रूपये होगी। इस आदेश के उल्लघंन पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनयमावली 2020 के संगत प्रावधानों का उल्लघंन माना जायेगा। |