यूपी में वापस लौटे कामगारों के लिए बनेगा माइग्रेशन कमीशन, सीएम ने अफसरों को दिये निर्देश
लखनऊ, 24 मई 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)। कोरोना
संक्रमण के चलते देश में हुए लाकडाउन के कारण प्रदेश लौटे कामगारों के पुनर्वास और रोजगार के लिए एक माइग्रेशन कमीशन गठित किया जाएगा। यह आदेश रविवार को कोरोना संक्रमण से बचाव और सुरक्षा के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि
अधिकारी शीघ्र एक माइग्रेशन कमीशन की रुपरेखा प्रस्तुत करें। यह कमीशन राज्य में लौटे श्रमिकों को स्थायी रूप से प्रदेश में रोकने और उनकी स्किल का राज्य के विकास में उपयोग करने के उपायों पर विचार करेगा। ताकि उन्हें फिर से पलायन न करना पड़े तथा अपने ही राज्य या गृह जनपद में रोजगार मिल जाए। इससे इनके
श्रम से उत्तर प्रदेश का विकास होगा।
सामाजिक सुरक्षा की गारण्टी देगा माइग्रेशन आयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग के तहत इन कामगारों को रोजगार मुहैया कराकर इन्हें सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कामगार की स्किल मैपिंग की जाए और उनका सारा ब्योरा इकट्ठा किया जाए। तत्पश्चात उन्हें रोजगार मुहैया कराकर मानदेय दिया जाए। कृषि
विभाग तथा दुग्ध समितियों इत्यादि में इन्हें बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कामगारों को राज्य स्तर पर बीमे का लाभ देने की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे इनका जीवन सुरक्षित हो सकेगा। ऐसी कार्य योजना तैयार की जाए, जिससे कामगारों को जाॅब सिक्योरिटी मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत आवास निर्माण के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने इस पैकेज में किराए का मकान देने की योजना को भी शामिल करने के लिए कहा। आवास योजना के तहत किराए पर मकान
उपलब्ध कराने की व्यवस्था से जरूरतमंदों को कम किराए पर आवास उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि पीएम आर्थिक पैकेज के तहत उत्तर प्रदेश को पूरा लाभ मिले, इसके लिए कार्य योजना बना ली जाए।
राज्य में 23 लाख कामगार वापस लौटे
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से अब तक 23 लाख कामगारों को प्रदेश वापस लाया गया है। राज्य सरकार इन सभी की सुरक्षित व सम्मानजनक वापसी के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य वापस आने वाले सभी श्रमिकों व कामगारों की स्क्रीनिंग कर उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारंटीन सेन्टर अथवा होम क्वारंटीन
पर भेजा जाए। होम क्वारंटीन जाने वाले कामगारों को खाद्यान्न किट अवश्य दी जाए तथा इनके राशन कार्ड भी बनाए जाएं। साथ ही, इन्हें होम क्वारंटीन के दौरान 1,000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी उपलब्ध कराया जाए।
टेस्टिंग क्षमता दस हजार प्रतिदिन की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अस्पतालों में मौजूद वेण्टीलेटर फंक्शनल होने चाहिए। सभी जगह एनस्थीसियोजलाॅजिस्ट की नियमित तैनाती सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘ट्रू नेट’ मशीनें मगांकर उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने टेस्टिंग क्षमता 10 हजार तक बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने
सभी क्वारंटीन सेन्टरों पर पल्स आॅक्सीमीटर्स की उपलब्धता सुनश्चिित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए। |