प्राइवेट स्कूलों की फीस वृद्धि पर हाईकोर्ट ने सरकार से तीन सप्ताह में मांगा जवाब
फीस वृद्धि नहीं करने का सरकारी आदेश अव्यवहारिकः अजय कुमार, अध्यक्ष प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
लखनऊ, 24 मई 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
लाकाडाउन के दौरान स्कूल बंद होने पर फीस नहीं बढाने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर उच्च न्यायालय ने तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है। न्यायालय ने यह निर्णय प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की और से अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार के एक मई के आदेश को दी गई चुनौती पर दिया।
ज्ञातव्य है कि अपर मुख्य सचिव, श्रीमती रेणुका कुमार ने 1 मई 2020 को शासनादेश जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि लाॅकडाॅउन के कारण स्कूलों में तीन माह तक कोई पढ़ाई नहीं होगी। इसलिए वर्तमान सत्र 2020-2021 में फीस बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है। इस आदेश पर एसोसिएशन ऑफ़ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश
हाईकोर्ट पहुंची और कहा कि सत्य यह है कि लाक-डाउन शुरू होते ही 24 मार्च से स्कूलों ने आन लाइन पढ़ाई शुरू कर दी। यह पढ़ाई निरन्तर जारी है और 30 जून तक चलेगी। तथा जब तक लाक-डाउन रहेगा तब तक यह पढ़ाई जारी रहेगी। इसलिए यह कहना कि वर्तमान सत्र 2020-2021 में फीस वृद्धि का कोई औचित्य नहीं है, यह सरासर
अविचार पूर्ण एवं गैर कानूनी है। इस मामले पर अब हाईकोर्ट मेंअगली सुनवाई 18 जून को होगी।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का पक्ष
प्राइवेट स्कूल्स का कहना है कि ऑन-लाइन शिक्षा क्लासरूम में होने वाली पढ़ाई से ज्यादा कठिन है। क्योंकि इसमें पढ़ाने के पूर्व बहुत अधिक तैयारी करनी पड़ती है। तब ही ऑन-लाइन टीचिंग संभव हो पाती है। एसोसिएशन ऑफ़ प्राइवेट स्कूल्स के अध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा कि
निजी स्कूलों पर सरकार का यह शासनादेश तानाशाही पूर्ण है और विधान सभा द्वारा पारित यू.पी. फीस रेगुलेशन एक्ट के पूर्णतया विरूद्ध है। बजट प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अतुल कुमार ने कहा कि हमारे जैसे बजट प्राइवेट स्कूलों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिलती है। जिससे उनके
खर्च कम नहीं होते है।
क्योंकि बजट प्राइवेट स्कूलों की अधिकांश बिल्डिंग किराए पर हैं। जिनकी सफाई, पुताई, पेटिंग, मेंटेनेंस तथा स्कूल का बिजली का बिल, पानी का बिल, हाउस टैक्स, बढे हुए डीजल, पेट्रोल तथा पहिले से मंहगी स्टेशनरी इत्यादि के बढे हुऐ दामों के साथ ही साथ टीचर्स और अन्य शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को बढ़ा हुआ वेतन
भी देना ही पड़ेगा। |