सीतापुर में अब टिड्डी दल के आक्रमण का खतरा
सीतापुर,26 मई 2020
(उत्तर प्रदेश समाचार सेवा) > जनपद में टिड्डी दल के आक्रमण की आशका देखते हुये किसान भाइयों की फसलों को होने वाली क्षति से बचाव की तैयारी बैठक जिलाधिकारी श्री
अखिलेश तिवारी की अध्यक्षता आयोजित की गयी, जिसमें कृषि विभाग के समस्त अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, जिला उद्यान अधिकारी तथा चीनी मिलों के प्रतिनिधि एवं प्रगतिशील किसान उपस्थित हुये। श्री तिवारी ने कहा कि जो भी किसान भाई गन्ना, ज्वार, मक्का तथा औद्यौनिक फसले लगा रखी
है वह संस्तुत सिस्टमिक रासायनों का छिड़काव कर दें, जिससे आने वाले एक सप्ताह तक टिड्डी तथा अन्य कीड़ों से बचाव हो सके। कण्डे तथा उपले पर लाल मिर्च एवं नीम की पत्ती डालकर धुंआ करें, और आने वाले दस दिनों तक प्रक्रिया को नियमित करते रहें। चिड़िया एवं बंदर भगाने के लिये प्रयोग होने वाले तरीकों यथा शाम को
टीन बजाकर, ढ़ोल नगाडे बजाकर, पटाखे फोड़कर टिड्डी दल को भगाने का प्रयास करें, यह कार्य आने वाले दस दिन तक निरन्तर करते रहें।सतकर्ता-जिला कृषि रक्षा अधिकारी तथा उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया गया कि प्रदेश स्तर की टीम तथा प्रदेश के राजस्थान एवं मध्य प्रदेश के बार्डर के जिलों से निरन्तर सम्पर्क में
रहें तथा जैसे ही सूचना प्राप्त हो सभी को सूचित किया जाये तथा तत्काल आवयक कार्यवाही प्रारम्भ की जाये।किसानों को जागरूक करना- टिड्डी दल से सम्भावित क्षति को रोकने के लिये किसानों को जागरूक किया जाना आवयक है जिससे किसान बचाव के उपाय अपना सकें। उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया गया कि जनपद के बार्डर
ऐरिया के विकास खण्ड सिधौली, महोली, गोंदलामऊ, मछरेहटा, मिश्रिख, कसमण्डा के लिये ग्रुप बनाकर नोडल अधिकारी नामित किया जाये। द्वितीय पंक्ति के रूप में इन विकास खण्डों के अलावा अन्य विकास खण्डों के लिये कर्मचारियों तथा किसानों का ग्रुप बनाकर नोडल अधिकारी नामित किया जाये। टिड्डी दल के नियंत्रण के लिये
जिला गन्ना अधिकारी, उप कृषि निदेशक, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी अपने क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से समस्या के बारे में किसानों को जागरूक करके कार्यवाही के लिये तैयार कराने हेतु निर्देशित किया गया।टिड्डी दल के रासायनिक नियंत्रण- कृषि विज्ञान केन्द्र कटिया
के वैज्ञानिक डा0 दयाांकर श्रीवास्तव द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में टिड्डी दल के रासायनिक नियंत्रण के लिये रासायनिक दवाओं जैसे क्लोरोपाइरीफास 20 ई0सी0 1.2 ली0/हे0, 50 ई0सी0 0.5 ली0/हे0, फाइप्रोलीन 5 प्रतिात एस0सी0 125 मि0ली0, फाइप्रोलीन 2.8 ई0एल0 225 मि0ली0/हे0, लेमडासाईहेलोथ्रिन 5 प्रतिशत
ई0सी0 400 एम0एल0 की मात्रा से टिड्डी का नियंत्रण कर सकते है। निर्देशित किया गया कि 10 हजार ली0 का बफर स्टाक तैयार किया जाये। जनपद में वर्तमान समय में गन्ने का क्षेत्र ज्यादा है इस कारण गन्ने की फसल को ज्यादा नुकसान होने की आशंका है, इसके दृटिगत गन्ना किसानों के यहां रासायनों के द्वारा टिड्डी
नियंत्रण की व्यवस्था हेतु प्रति चीनी मिल कम से कम 2000 ली0 रसायन की उपलब्धता सुनिचित करेंगे। अन्य फसलों के लिये जिला कृषि रक्षा अधिकारी 4000 ली0 उपयुक्त रसायन की कृषि निदेशालय से मांग करके व्यवस्था सुनिचित करें। सभी विभाग टिड्डी दल के आगमन की सूचना मिलते ही तत्काल टिड्डी दल से प्रभावित स्थल पर
वृहद रूप में किसानों तथा विभिन्न विभागों द्वारा सामूहिक प्रयास करके ट्रैक्टर माउन्टेड पावर स्प्रेयर एवं अन्य उपयुक्त पावर स्पेयर का उपयोग करके रासायनिक कीटनाशक का छिड़काव करें रासयनिक छिड़काव के प्रयोग से छिड़काव कर्मी को रसायन से छिड़काव हेतु पी0पी0ई0 किट, दस्ताना, मास्क आदि सुरक्षात्मक उपायों का
प्रयोग आवयक है। रासयनिक नियंत्रण के दौरान रासायनों से होने वाले दुस्प्रभावध्चिकित्सा पर टिड्डी कीट से बचाव हेतु सक्षम चिकित्सा दल एवं एम्बुलेन्स की व्यवस्था हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी सीतापुर को सूचित किया जाये।
अब किसान क्रेडिट कार्ड पर मिलेगी ये छूट
लहरपुर-सीतापुर(उ0प्र0 समाचार सेवा)। किसानों की मदद के लिए सरकार कई स्कीम चलाती है. इसमें से एक किसान क्रेडिट कार्ड (KCC-Kisan Credit Card) है. इसके जरिए किसानों को 1.6 लाख रुपये का लोन बिना गारंटी के दिया जाता है. वहीं, 3 साल में किसान इसके जरिए 5 लाख रुपये
तक का लोन ले सकते हैं. इस कार्ड में ब्याज इंटरेस्ट रेट दर भी बेहद कम 4 फीसदी सालाना है. लेकिन अब 7 करोड़ किसानों को बड़ी राहत देते हुए केसीसी पर लिए गए लोन के भुगतान की तारीख आगे बढ़ाकर जल्द 31 अगस्त किया जा सकता है. क्योंकि आरबीआई ने इसकी छूट दे दी है. हालांकि, बैंकों के पास अभी तक अधिसूचना नहीं
पहुंची है. इसीलिए किसानों को इसकी जानकारी नहीं मिली है.थी इससे क्या होगा- इसका मतलब साफ है कि किसान केसीसी कार्ड के ब्याज को सिर्फ 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं. कोरोना वायरस लॉकडाउन में किसानों को राहत देने के लिए यह निर्णय लिया गया है.खेती-किसानी के लिए केसीसी पर
लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है.इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है.आमतौर पर बैंक किसानों को सूचित कर 31 मार्च
तक कर्ज चुकाने के लिए कहते हैं. अगर उस समय तक कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है। कोविड-19 संकट को देखते हुए सरकार ने इसी बढ़े ब्याज पर राहत देकर 31 मई तक उनसे सिर्फ 4 फीसदी रेट पर ही पैसा वापस लेने का फैसला लिया है.अगर मेरे पास एक हेक्टेयर जमीन है तो मुझे
कितना लोन मिलेगा? उत्तर प्रदेश के जिले अमरोहा में स्थित प्रथमा बैंक के ब्रांच मैनेजर अंकुर त्यागी ने बताया कि 1 हेक्टकेयर जमीन पर 2 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है. लोन की लिमिट हर बैंक की अलग-अलग होती है. बैंक आपको इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी करेगा. जिसके जरिए आप कभी भी पैसा निकाल सकते
है.के.सी.सी. किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक(अर,बी,आई) से हासिल किया जा सकता है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया(एन,पी,सी, आई) रुपे के,सी, सी जारी करता है. - एस, बी,आई, बी,ओ,आई और आई,दी,बी,आई बैंक से भी यह कार्ड लिया जा सकता है जनोपयोगी, कानूनी, तकनीकी, सरकारी योजनाओ, आपसे
सरोकार रखने वाली नौकरियों व व्यवसाय की उपयोगी जानकारी अपने नजदीकी जनसुविधा केंद्र से प्राप्त कर सकते है
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