हिमालयी राज्यों में कोरोना ! जम्मू - कश्मीर, असम व उत्तराखंड में कोरोना ग्राफ बढ़ा
कुल मामले 8854, ठीक हुए 2274 व 63 मौत, रिकवरी रेट 43 प्रतिशत और मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम
भूपत सिंह बिष्ट
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देहरादून Dehraun , 07 जून 2020> (उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)। देश में कोरोना के 247,405 मामले होने से भारत अब विश्व कोरोना महामारी के चार्ट में पांचवें स्थान पर आ चुका है। देश में कोरोना के सक्रिय मामले 120841, ठीक हुए 119,617 और 6947 मौत हो चुकी हैं। देश में रिकवरी दर 48 प्रतिशत से ज्यादा और मृत्यु दर 2.8% प्रतिशत बनी हुई है। हिमालयी क्षेत्र के 12 राज्यों में कोरोना कहर जोर मार रहा है। अभी तक कोरोना से अछूते सिक्किम, नागालैंड, अरूणाचल व मिजोरम में भी कोरोना कहर बनकर उभरा है। आज के बुलेटिन में कल से कोरोना मामले 960 बढ़कर 8854 हो चुके हैं। सक्रिय मामले 6133 व 63 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। रिकवरी रेट 43 प्रतिशत से अधिक और मृत्यु दर 1 प्रतिशत से आंशिक ज्यादा है। हिमालयी क्षेत्र के इन 12 राज्यों की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 7 करोड़ 51 लाख से ज्यादा है। 1 करोड़ 22 लाख की आबादी वाले जम्मू - कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना मामले 3467, सक्रिय मामले 2302 व 39 लोगों की मौत हो चुकी हैं। रिकवरी रेट 32 प्रतिशत से ज्यादा और मृत्यु दर 1.12 प्रतिशत से है। असम की जनसंख्या सबसे अधिक 3 करोड़ 11 लाख है और कोरोना के कुल मामले 2397 हैं।सक्रिय मामले मामले 1846 व 4 लोगों की मौत हुई है। रिकवरी रेट 23 प्रतिशत और मृत्यु दर 0.16 प्रतिशत है। हिमालयी राज्यों में तीसरा स्थान उत्तराखंड आबादी 1 करोड़ 1 लाख और कोरोना मामले 1341 दर्ज हुए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या 824 व 13 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तराखंड की रिकवरी रेट 38 प्रतिशत और मृत्यु दर 0.96 प्रतिशत है। विगत दो दिनों से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में आशातीत सुधार हुआ है। ठीक हुए 504 मामलों में 6 जून को 113 व 7 जून को 76 कोरोना मरीज ठीक हुए है। उत्तराखंड में सबसे अधिक कोरोना मरीज देहरादून 368, नैनीताल 323, हरिद्वार 122, टिहरी 121 व उधम सिंह नगर में 90 कोरोना मामले दर्ज हुए हैं और यह प्रदेश में कुल संक्रमण का 77 प्रतिशत से अधिक है। लगभग 36 लाख 71 हजार की आबादी वाले त्रिपुरा राज्य चौथे स्थान पर है - यहां कोरोना के कुल मामले 750 व सक्रिय मामले 577 व 173 ठीक हो गए हैं। रिकवरी रेट 23 प्रतिशत और मृत्युदर शून्य बनी हुई हैं। 68 लाख 56 हजार से अधिक आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले 407 हैं। सक्रिय मामले 202 और 5 लोगों की मौत हुई है। रिकवरी दर 49 प्रतिशत से अधिक है और मृत्यु दर एक प्रतिशत से कुछ ज्यादा है। हिमाचल ने 45889 कोरोना टेस्ट करके, उत्तराखंड 37160 टेस्ट को पीछे छोड़ दिया है। हिमाचल में सैंपल टेस्ट का बैकलाग 648 और उत्तराखंड में 6880 सैंपल के परिणाम आने आज शेष हैं। 27 लाख 21 हजार की आबादी वाले मणिपुर में 172 कोरोना मामले दर्ज हुए हैं और सक्रिय मामलों की संख्या 120 तथा 52 ठीक हो चुके हैं। रिकवरी दर 30 प्रतिशत से ज्यादा और मृत्यु दर शून्य है। 19 लाख 80 हजार की आबादी वाले नागालैंड में कोरोना मामले तेजी से बढ़कर 107 हो चुके हैं। सप्ताह भर पहले नागालैंड में कोरोना का कोई मामला नहीं था और अब कोरोना सौ का आंकड़ा पार कर गया है। फिलहाल मृत्यु दर शून्य पर है। 2 लाख 90 हजार आबादी वाले लद्दाख में कोरोना के मामले 99 हैं। सक्रिय मामले 48 और 50 मामले ठीक हुए हैं। रिकवरी दर 50 प्रतिशत से अधिक और एक मरीज की मौत हुई है। 13 लाख 82 हजार आबादी वाले अरूणाचल में भी कोरोना का कहर विगत एक सप्ताह से जोर मार रहा है। यहां अब कोरोना के कुल मामले 47 हो चुके हैं और एक मरीज ठीक हुआ है। 29 लाख 64 हजार की आबादी वाले मेघालय में कोरोना के कुल मामले 33 हैं। सक्रिय मामले 19, ठीक हुए 13 और एक मरीज की मौत हो चुकी है। मिजोरम की आबादी 10 लाख 91 हजार है और यहां भी कोरोना के मामले अचानक बढ़कर 34 हो गए है। सक्रिय मामले 33 और एक मरीज ठीक हो चुका है। 6 लाख 7 हजार की आबादी वाले सिक्किम राज्य में कोरोना के मामले 2 से बढ़कर 7 हो चुके हैं। लम्बे समय तक कोरोना सिक्किम , अरूणाचल, नागालैंड व मिजोरम में पैर नहीं फैला सका था लेकिन अब कोरोना की बयार हर तरफ बह रही है। भारत में सबसे पहले कोरोना की दस्तक केरल राज्य में जनवरी में सुनाई दी थी। लगभग 3 करोड़ 33 लाख 90 हजार की आबादी वाले केरल में कोरोना के कुल मामले 1807 हैं। सक्रिय मामले 1030 व ठीक हुए 762 व मौत 15 मरीजों की हुई है। रिकवरी रेट 42 प्रतिशत से ज्यादा और मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी नीचे बनी हुई है। केरल, देश के कोरोना चार्ट में 18 वें स्थान पर है और इस प्रदेश में बड़ी संख्या में देश - विदेश से मलयाली लोग कोरोना कहर के बीच नौकरी छोड़कर अपने घरों को लौटे हैं। प्रवासी लोगों के लौटने से केरल में एक बार फिर कोरोना की लहर आई है लेकिन केरल के कोरोना माडल में टेस्टिंग और डिस्टेंसिंग और कोरोना मरीजों के संपर्क में आये लोगों को तुरंत क्वारंटीन करने से कोरोना का प्रभाव पड़ोसी राज्यों की तुलना में काफी थमा हुआ है।
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