उत्तराखंड में कोरोना अब 1560 मामले,52 प्रतिशत ठीक हुए, 15 मौत, 1818 सैंपल की रिकार्ड जांच
- सैंपल लंबित रखने, परिणाम रोकने और रिजेक्शन की डीजी हैल्थ अपडेट जानकारी लेंगे - नये स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की पहल रंग लायी !
भूपत सिंह बिष्ट
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देहरादून Dehraun , 10 जून 2020> (उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)। प्रदेश में कोरोना महामारी संक्रमण रोकने के लिए नये स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने ठोस पहल शुरु की है और हैल्थ व्यवस्था को ऊपर से नीचे तक चुस्त दुरूस्त किया जा रहा है। आज की बुलेटिन में कोरोना के खिलाफ हैल्थ सिस्टम सक्रिय नज़र आया है। आज लैब से टेस्ट परिणाम 1813 प्राप्त हुए और सैंपल का बैकलाग भी 878 के आसपास कम हुआ है। अब नए सैंपल 4953 लंबित हैं। पिछले कल की बुलेटिन में कुल सैंपल का लगभग 17 प्रतिशत , 5846 नए और 985 रिपीट सैंपल लंबित रहे हैं। 8 जून की बुलेटिन में प्रदेश की लैब में मात्र 666 परिणाम आ पाये, जबकि 6 जून को 1148 व 7 जून को 1156 लैब ने परिणाम दिये हैं। कल यह परिणाम 1074 रहे हैं और अब स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी की सक्रियता से लैब ने अब रिकार्ड 1818 सैंपल टेस्ट कर दिखाये हैं। डीजी हैल्थ अब लंबित सैंपल, रिजेक्टिड सैंपल और रोके गए कोरोना परिणाम की नवीनतम जानकारी संबंधित लैब से प्राप्त कर ने की व्यवस्था रखेंगे। स्वाभाविक है कि अब कोरोना परिणामों को गति मिलेगी। आज कोरोना बुलेटिन में सैंपलों के डाटा में भी सुधार किया गया है और अब प्राइवेट लैब के जनपदवार डाटा का कालम बनाया है। पिछली बुलेटिन से अब तक कोरोना के कुल 1560 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और कोरोना मरीजों का डिस्चार्ज आंकड़ा 52 प्रतिशत के करीब 808 हो गया है। लैब में कोरोना पीडि़त की पुष्टि के बाद इलाज के लिए हास्पीटल की प्रमुख भूमिका है। अभी प्रदेश के हास्पीटलों में कोरोना पीडि़तों के लिए केंद्र सरकार के एम्स की चर्चा आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं आइसीयू व वैंटीलेटर के कारण सबसे अधिक है। हर डिस्ट्रिक में कोरोना पीडि़तों के लिए सरकारी हास्पीटल में चुस्त बंदोबस्त निराशा के वातावरण को आशा में बदल सकता है। कोरोनेशन हास्पीटल , देहरादून के सीएमओ डा0 बीसी रमोला का बयान अखबार में आया है कि जिन मरीजों के कोरोना लक्षण स्पष्ट नहीं हैं और वे दस दिन हास्पीटल में स्थिर स्वस्थ रहे हैं। केंद्र सरकार के नये निर्देशों के अनुरूप बिना कोरोना टेस्ट के उन्हें घर पर 14 दिन के लिए क्वारंटीन के लिए डिस्चार्ज किया जा सकता है । तब सरकारी हास्पीटल में कोरोना के नाजुक मरीजों की देखभाल बेहतर संभव है। कोरोना का प्रकोप बाहरी राज्यों से लौट रहे उत्तराखंडी नागरिकों में तेजी से उभरा है और उन के लिए सरकार ने क्वारंटीन केंद्रों की व्यवस्था या भुगतान पर होटल में क्वारंटीन करने की नीति बनायी है। हास्पीटल के साथ अब इन क्वारंटीन केंद्रों की भी नियमित मोनिटिरिंग आवश्यक हो गई है। क्वारंटीन केंद्रों की अव्यवस्था सरकार के लिए अपयश के साथ कोरोना संक्रमण का हाट स्पाट भी बन सकती है। हास्पीटलों की तरह क्वारंटीन केंद्रों में चाक चोबंद व्यवस्था बनाने से कोरोना की जंग जीतना सरल है। क्वारंटीन केंद्रों को आदर्श हैल्थ शिविर बनाने के लिए मेडिकल चैकअप, स्वादु भोजन, साफ सफाई ,योग, जैसी दिनचर्या के लिए पहल की जा सकती है। इन व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सरकारी महकमें के साथ टूरिज्म से जुड़े विशेषज्ञों का सहयोग व सुझाव प्रभावी रहने वाले हैं। वैसे भी उत्तराखंड हिमालय चारधाम तीर्थ यात्रा के अलावा सुखद और शकून देने वाली पर्यटन सुविधाओं के लिए देश - विदेश के टूरिस्टों का प्रिय स्थल है। क्वारंटीन केंद्रों में भोजन, प्रसाधन गृह, मनोरंजन और असुरक्षा जैसी कमियों के चलते, बाहर से आने वाले लोग इन स्थलों का रूख नहीं करना चाहते हैं और अपने घरों में क्वारंटीन होने को प्राथमिकता दे रहे हैं। उत्तराखंड में माइल्ड कोरोना लक्षण पीड़ितों में रहने के कारण हास्पीटल से घर जाने वाले पोजिटिव मरीजों का आंकड़ा अब बावन प्रतिशत के आसपास है। अल्मोड़ा में 84 प्रतिशत, टिहरी 75 प्रतिशत, उधम सिंह नगर 69 प्रतिशत, चमोली 68 प्रतिशत व नैनीताल में 66 प्रतिशत का रिकवरी रेट दर्ज हुआ है और प्रदेश में आज तक 808 कोरोना पीड़ित घरों में क्वारंटीन होने के लिए हास्पीटल से छोड़े गए हैं। ऐसे में होम क्वारंटीन हेतु डिस्चार्ज मरीजों को घर पर हास्पीटल की सारी सावधानियां रखनी है और जरा सी लापरवाही पर यह संक्रमण अब घर व पड़ोस में फैल सकता है। इन डिस्चार्ज मरीजों के लिए सरकार को सबसे ज्यादा सजग व प्रभावी व्यवस्था बनानी है। अन्यथा विभिन्न जनपदों में कंटेनमेंट जोन की संख्या अब 61 से आगे बढ़नी शुरू हो जायेगी। अभी देहरादून जनपद में 25, हरिद्वार जनपद में 25, टिहरी में 8, पौड़ी में 2 व उधम सिंह नगर में 1 कंटेनमेंट एरिया बन चुके है। इन कंटेनमेंट में पूरी लाकडाउन की व्यवस्था बनानी होती है ताकि अगला संक्रमण का मामला रोका जा सके। सरकारी क्वारंटीन केंद्रों में आज 23564 लोग कोरोना संक्रमण रोकने की सावधानी में ठहरे हैं, जो कल से 1063 ज्यादा है। 5 जून को यह संख्या 33454 रही। अगले दिन 6 जून को 8189 छूट गए। 7 जून को 2161 छूटने के बाद 23104 रह गए। 8 जून को फिर 3148 बढ़कर 26252 हो गए और कल की बुलेटिन में यह संख्या 3751 घटकर अब 22501 है। लाकडाउन के आज 78 वें दिन इतनी बड़ी संख्या में लोगों को क्वारंटीन केंद्रों में रखने के लिए बेहतर व्यवस्थायें जरूरी है।
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