देहरादून के क्वारंटीन सेंटर में 19 साल के युवक ने की आत्महत्या, उत्तराखंड में कोरोना से अब तक 19 मौत हरिद्वार का संकेत मेहरा 5 जून को जबलपुर से देहरादून पहुंचने पर किया गया था क्वारंटीन !
भूपत सिंह बिष्ट
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देहरादून Dehraun , 12 जून 2020> (उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)। आज देहरादून के बालावाला स्थित एक क्वारंटीन सेंटर में 19 साल के नवयुवक ने पंखें से लटक कर जान दे दी। मृत संकेत मेहरा हरिद्वर निवासी है और 5 जून को जबलपुर से ट्रेन द्वारा देहरादून पहुंचा था। बताया जा रहा है कि बालावाला देहरादून में सरदार भगवान दास संस्थान के ब्वायज हास्टल को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है और यहां यह दुःखद हादसा हुआ है। पिछले कल से संकेत अपने कमरे का दरवाजा बंद किए हुए था और जवाब भी नहीं दे रहा था। आज रायपुर थाने की पुलिस ने बंद दरवाजा तोड़कर संकेत की पंखे पर लटकी लाश बरामद की है। आसपास तेज बदबू फैलने से अन्य लोगों ने शिकायत दर्ज करायी थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। लोगों का अनुमान है कि संकेत की मौत एक - दो दिन पहले हुई होगी। उत्तराखंड के क्वारंटीन सेंटरों में मौत का सिलसिला रूक नहीं रहा है और सरकार के लिए प्रशासनिक लापरवाही के आरोप संभालने भारी पड़ गए हैं। नैनीताल के बेतालघाट विकास खंड के क्वारंटीन सेंटर में एक चार साल की बालिका की सांप के काटने से दर्दनाक मौत हो जाने से पहले ही सरकार बैक फुट पर है। क्वारंटीन सेंटर में स्वास्थ्य और सुरक्षा की बदइंतजामी के चलते पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल विकासखंड के बिरंगणा गांव में और पाबौ विकास खंड के पीपली गांव में दो युवक बीमारी के चलते जान गवां चुके हैं। पौड़ी गढ़वाल के एक अन्य विकास खंड थलीसेण के मासौ गांव में समय पर चिकित्सा सहायता न मिलने से क्वारंटीन बिता रही एक नवविवाहिता को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। चम्पावत जनपद के बालतड़ी गांव में एक छात्रा की समय पर चिकित्सा न मिलने से मौत हो गयी थी। मृतका सात दिन संस्थागत क्वारंटीन रहने के बाद घर पर 14 दिन के क्वारंटीन के लिए रोकी गई थी। आज गरूड़, बागेश्वर जनपद में भी घर पर क्वारंटी काट रहे 30 वर्षीय जितेंद्र नाम के युवा का शव घर से बाहर बरामद हुआ है। बम्बई से लौटे जितेंद्र को कौसानी में संस्थागत क्वारंटीन किया गया था। पिथौरागढ़ में 53 साल की महिला की भी गांव के क्वारंटीन सेंटर में मृत्यु का मामला 26 मई को दर्ज किया गया था जो कि हलद्वानी से अपने गांव में लौटी थी। स्वस्थ महिला की मौत हार्ट फेल होने से बतायी जा रही है। 28 मई को उत्तरकाशी जनपद के पुरोला क्वारंटीन सेंटर में रखे गए युवक को सीने में दर्द की शिकायत पर देहरादून रैफर किया गया था - जहां दून हास्पीटल में उसकी मौत हो गई। 29 मई को घर पर क्वारंटीन किए गये 73 वर्षीय वृद्ध की अल्मोड़ा में मौत हो गई थी। ऐसे कई मामले आये हैं - जब होम क्वारंटीन किए गए नागरिकों को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने से दर्दनाक मौत के हादसे हुए है। उत्तराखंड में कोरोना से अब तक 19 मौत रिकार्ड की गई हैं। सबसे ज्यादा 15 मौत देहरादून जनपद में हुई हैं। इस के अलावा पौड़ी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चम्पावत और नैनीताल जनपदों में भी एक - एक मौत दर्ज की जा चुकी हैं।
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