आउटकम बेस्ड होना चाहिए पाठयक्रमःप्रो. पीके मिश्रा
TMU टीएमयू के शिक्षा संकाय में आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर वेबिनार
मुरादाबाद,
13 जून 2020
( U.P.Samachar Sewa) > चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में शिक्षा संकाय के प्रो. पीके मिश्रा ने आउटकम बेस्ड एजुकेशन एंड सोलूशन्स पर प्रकाश डालते हुए आउटकम बेस्ड के सिंद्धान्तों, इंडीकेटर्स और उसकी उपयोगिता विस्तार से बताई। प्रो. मिश्रा बोले, पाठ्यक्रम आउटकम बेस्ड होना चाहिए। सर्वप्रथम जो बदलाव अपने
छात्रों में लाना चाहते हैं, उसी के अनुरूप उद्देश्य निर्धारित करें। पाठ्यक्रम का निर्माण करें ताकि उसी के अनुरूप छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन हो। वह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के ओर से आयोजित आउटकम बेस्ड एजुकेशन-चैलेंजिज एंड सोलूशन्स इन इंडियन कांटेस्ट पर
आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। इससे पूर्व तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने बतौर मुख्य वक्ता ब्लूम टेक्सानोमी एंड इट्स एप्लीकेशन पर पीपीटी के माध्यम से ब्लूम टेक्सानाॅमी के प्रयोग, अनुप्रयोग, संश्लेषण, विश्लेषण को विस्तार से समझाते हुए
कहा, लर्निंग को ब्लूम टेक्सानाॅमी के जरिए दिशा प्रदान करना आवश्यक है।
प्रो. मिश्रा ने कहा, मूल्यों को विकसित करने के लिए शिक्षकों को स्वयं पहल करनी होगी। ताकि छात्र मूल्यों के प्रति प्रेरित हो। प्रत्येक सत्र के अंत में सवाल जवाब भी हुए। वेबिनार में एजुकेशन काॅलेज की प्राचार्या डाॅ. रश्मि मेहरोत्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया जबकि अंत में निदेशक छात्र
कल्याण प्रो. एमपी सिंह ने अतिथियों टीएमयू प्रबंधन और शिक्षा संकाय का वेबिनार के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। एजुकेशन काॅलेज कुन्थुनाथ के प्रिंसिपल डाॅ. विनोद जैन की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
वेबिनार में जामिया मिलिया इस्मालिया के शिक्षा संकाय की प्रो. हरजीत कौर भाटिया ने लर्निंग आउटकम बेस्ड करिकुलम फ्रेमवर्क पर बोलते हुए कहा, उच्च शिक्षण संस्थान ऐसा पाठ्यक्रम डिजाइन करें, जिसमें गुणवत्ता हो। युवा पीढ़ी में ऐसा कौशल विकसित करें, जिससे युवा ग्लोबल मार्केट में अपनी पहचान बना
सकें। संस्थान विभिन्न प्रोग्रामों में पोस्ट लर्निंग आउटकम, टीचिंग लर्निंग आउटकम होने चाहिए।
एनसीईआरटी के शिक्षा संकाय से रिटायर्ड प्रो. एस के यादव ने टीचर एजुकेशन पोस्ट कोविद-19 पर वेबिनार में व्याख्यान देते हुए कहा, इस महामारी ने हमें ऑनलाइन टीचिंग का नया अवसर प्रदान किया है। शिक्षकों ने इस नयी चुनौती को स्वीकार किया है। ऑनलाइन टीचिंग करके स्टडी की प्रक्रिया को रुकने नहीं
दिया। कोविद-19 के मध्य नजर किस प्रकार स्कूल/कॉलेज खोले जाए। डब्ल्यूएचओ और एमएचआरडी के नियमों का किस प्रकार से अनुसरण किया जाए। स्टुडेंट्स और अभिभावकों को कैसे जागरूक किया जाए, ये बड़ी जिम्मेदारी शिक्षकों की ही है। |